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09 सितंबर 2010

बिहारःशिक्षक बहाली के लिए मिला डेढ़ महीने का वक्त

बिहार में शिक्षकों की बहाली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को वरीयता सूची बनाने के लिए छह हफ्तों का समय दिया है । सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला बिहार सरकार द्वारा किए अनुरोध पर किया है । सरकार ने कोर्ट को बताया कि शिक्षकों की भर्ती के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं लेकिन इसमें कुछ समय और लग सकता है । राज्य सरकार को समय देने के बाद न्यायामूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायामूर्ति एचएल दत्तू की खंडपीठ ने मामले को 26 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले पर अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी। बिहार सरकार को 34,540 शिक्षकों की बहाली नियमित वेतनमान पर सहायक शिक्षक के पद पर करनी है । सुप्रीम कोर्ट ने इसके पहले की सुनवाई में बिहार सरकार को 31 अगस्त तक शिक्षकों के नियुक्ति की प्रक्रिया संपन्न कराने को कहा था। शिक्षकों की बहाली के लिए आवेदन मांगे गए थे और करीब एक लाख 22 हजार आवेदन आए। शिक्षकों के बहाली की जिम्मेदारी बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग को दी गई। लेकिन आवेदनों की संख्या अत्यधिक होने के कारण आयोग ने इतनी जल्दी बहाली की प्रक्रिया संपन्न कराने में असमर्थता जताई थी। आयोग को बीएड और बीटी की डिग्री के सेशन के आधार पर वरीयता सूची तैयार करनी है । आयोग द्वारा डाटा इंट्री का कार्य तेजी से किया जा रहा है। याचिकाकर्ता नंदकिशोर ओझा ने बताया कि वरीयता सूची बनाने के बाद सरकार एक कॉपी सुप्रीम कोर्ट और एक -एक सूची याचिकाकर्ता को सौपेंगी। जो भी याचिकाकर्ता बिहार सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले शिक्षकों की वरीयता सूची को चैलेंज करना चाहें गे, वे 25 अक्टू बर तक सुप्रीम कोर्ट में कर सकते हैं । मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कु मार सिंह ने कहा कि आवेदनों की संख्या अधिक होने के कारण डाटा इंट्री करने में वक्त लग रहा है । इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट से एक महीने का वक्त मांगा गया था(हिंदुस्तान,पटना,9.9.2010)।

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