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05 सितंबर 2010

छत्तीसगढ़ का पत्रकारिता विश्वविद्यालयःअपने ही घर में मेहमान

काठाडीह में शनिवार को कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के लोकार्पण और प्रतिमा अनावरण समारोह में विश्वविद्यालय की स्थिति अपने ही घर में मेहमान जैसी हो गई। उन्हें न तो आयोजन के बारे में बताया गया और न ही कुलाधिपति और कुलपति के नाम का निमंत्रण पत्र में उल्लेख किया गया। समारोह को लेकर एक तरह से बड़ा बवाल खड़ा हो गया है।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और राज्यपाल शेखर दत्त व कुलपति सच्चिदानंद जोशी के नाम का निमंत्रण पत्र में उल्लेख नहीं होने से राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस पूरे कार्यक्रम से विश्वविद्यालय परिवार मेहमान बनकर अपने ही भवन में पहुंचा था। लोकार्पण शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और भाजपा के तमाम मंत्री, विधायक और नेता उपस्थित हुए।

वहां आने वाले तमाम मेहमानों में सिर्फ इसी बात की चर्चा होती रही कि आखिर कुलाधिपति कार्यक्रम का हिस्सा क्यों नहीं बने? उनके नाम का निमंत्रण पत्र में क्यों जिक्र नहीं किया गया? विवि प्रबंधन ने आखिर आयोजन की जिम्मेदारी क्यों नहीं संभाली. या फिर उन्हें इससे बेदखल रखा गया? इसी कार्यक्रम के दौरान स्व. श्री ठाकरे की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया।

दैनिक भास्कर ने जब राजभवन के जनसंपर्क अधिकारी के जरिए राज्यपाल शेखर दत्त का पक्ष जानना चाहा, तो उन्होंने इस बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। एक अधिकारी का कहना था कि राज्यपाल स्वयं यह तय करते हैं कि किस कार्यक्रम में उनको जाना है, किसमें नहीं।

आयोजन के बारे में कुलपति जानें- ईएनसी
भवन का निर्माण करने वाली एजेंसी पीडब्ल्यूडी के ईएनसी और निमंत्रण कार्ड के प्रेषक पीके जनवदे ने कहा कि हम केवल भवन निर्माण करने वाली एजेंसी हैं। लोकार्पण के बारे में विवि के कुलपति बेहतर बताएंगे। उनसे पूछने पर कि कुलाधिपति के नाम का जिक्र कर उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया, तो जनवदे ने कहा कि इसका जवाब भी कुलपति ही देंगे।

कुलपति ने टाले सवाल .कुलपति सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि अभी पीडब्लूडी ने भवन हैंडओवर नहीं किया गया है। अभी इसकी प्रक्रिया जारी है और इसके बाद ही विवि नए भवन में शिफ्ट होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या पीडब्ल्यूडी ने बिना उनको विश्वास में लिए पूरा कार्यक्रम तैयार कर डाला? कुलपति से गोलमोल जवाब देना शुरू कर दिया। कार्ड में कुलाधिपति का नाम का उल्लेख तक नहीं होने के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि कार्यक्रम का आयोजत पीडब्ल्यूडी था, उन्हीं से पूछे(सुदीप त्रिपाठी,दैनिक भास्कर,रायपुर,5.9.2010)।

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