बाजार पर्यवेक्षक (मार्केटिंग सुपरवाइजर) के पद पर नियुक्त हुए उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाओं को गायब करा दिया गया है. आरोप जेपीएससी के पूर्व सचिव और परीक्षा नियंत्रक ऐलस उषा रानी सिंह पर है. यही कारण है कि मामले की जांच कर रहे निगरानी विभाग को अब तक इससे जुड़े कागजात नहीं मिले हैं.
जेपीएससी के ओएसडी सह परीक्षा नियंत्रक संजीव लोचन ने कोतवाली थाने में आपराधिक मामला दर्ज कराया है.
क्या है प्राथमिकी में : दर्ज मामले के अनुसार, जेपीएससी ने वर्ष 2007 में बाजार पर्यवेक्षक पद के लिए 53 उम्मीदवारों का चयन किया था. चयन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी. निगरानी विभाग इस मामले की जांच कर रहा है.
जांच के दौरान निगरानी ने जेपीएससी से सफल उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाएं मांगी. इसके बाद जेपीएससी के अधिकारियों ने वज्र गृह और आयोग परिसर में हर जगह उत्तर पुस्तिकाओं की तलाश की. वज्र गृह में बाजार पर्यवेक्षक परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट के पैकेट मिले.
पैकेट सील किये हुए थे. पैकेट को खोल कर देखा गया, तो उसमें उत्तर पुस्तिकाएं नहीं थी. बाजार पर्यवेक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने से खत्म होने तक एलिस उषा रानी सिंह ही परीक्षा नियंत्रक थी. परीक्षा से संबंधित सारे अभिलेखों का कस्टोडियन वही थे.
जेपीएससी की ओर से एलिस उषा रानी सिंह को पत्र लिख कर उत्तर पुस्तिकाओं की मांग की गयी. पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
एलिस उषा रानी पर पहले भी दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी ऐलस उषा रानी सिंह पर यह दूसरा मामला दर्ज किया गया है. इससे पहले जेपीएससी द्वितीय प्रवेश परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर निगरानी विभाग ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर रखी है. निगरानी विभाग को उनकी तलाश भी है(प्रभात खबर,रांची,2.9.2010).
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