बरकतउल्ला विवि ने २०१० की मुख्य व सेमेस्टर परीक्षा के दौरान पक़ड़ाए ४० नकलचियों को पूरी परीक्षा से बेदखल कर दिया गया है,जबकि इतने ही नकलचियों की संबंधित विषय की परीक्षा निरस्त की गई है।
विवि ने बुधवार को करीब ८९ नकल प्रकरण के परिणाम घोषित किए। इनमें सबसे ज्यादा ४५ नकल प्रकरण बीकॉम प्रथम,द्वितीय व तृतीय वर्ष के थे। जबकि बीएससी प्रथम,द्वितीय व तृतीय वर्ष में ३४ नकल प्रकरण बने थे। बीकॉम प्रथम,द्वितीय व तृतीय वर्ष में बने नकल प्रकरणों में से २२ की संबंधित विषय की परीक्षा निरस्त की गई है,जबकि १५ की पूरी परीक्षा ही निरस्त कर दी गई। ३ के पेपर निरस्त किए गए तथा २ को कोई सजा नहीं दी गई। बीएससी बीकॉम प्रथम,द्वितीय व तृतीय वर्ष के ३४ नकल प्रकरणों में से १६ के विषय निरस्त कर दिए गए हैं तथा १५ को पूरी परीक्षा से बेदखल कर दिया गया,जबकि ३ को कोई सजा नहीं दी गई।
इनके अलावा पीजीडीसीए प्रथम सेमेस्टर में पक़ड़ाए सभी ४ तथा बीएचएम प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर के अलावा बीएलएलटी तृतीय के १-१ नकलची की पूरी परीक्षा निरस्त की गई है। जबकि बीफार्मा प्रथम सेमेस्टर के प्रकरण में पेपर तथा बीफार्मा सातवें सेमेस्टर में १ का विषय निरस्त किया गया। बीएचएम द्वितीय सेमेस्टर में एक विद्यार्थी को कोई सजा नहीं दी गई है।
उधर,सागर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में फर्जी तरीके से प्रवेश लेने वाले ९ छात्रों की याचिका भी हाईकोर्ट जबलपुर ने खारिज कर दी। इन छात्रों ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट की डबल बैंच ने इनके विरुद्ध गलत शपथ पत्र व तुच्छ याचिका प्रस्तुत करने के कारण याचिकाकर्ताओं पर मानहानि का प्रकरण दर्ज कर १५ सितंबर २०१० को न्यायालय में प्रस्तुत होने का आदेश जारी किया। साथ ही प्रत्येक याचिकाकर्ता को खर्च व्यय के ५ हजार रुपए जमा करने को कहा। इन छात्रों के नाम इंद्रा वालिया, अश्विन, जहार सिंह जाटव, भारत सिंह, पंकज सिंह, दिलीप मुजालदे, कमलेश भामर, प्रदीप कुमार सिंह, रौनक जयसवाल है। उल्लेखनीय है कि वर्ष २००९ में इन छात्रों ने अन्य व्यक्ति को परीक्षा में स्वयं के स्थान पर बैठा कर मेडिकल कॉलेज सागर में प्रवेश लिया था।भोपाल(नप्र)। बरकतउल्ला विवि ने २०१० की मुख्य व सेमेस्टर परीक्षा के दौरान पक़ड़ाए ४० नकलचियों को पूरी परीक्षा से बेदखल कर दिया गया है,जबकि इतने ही नकलचियों की संबंधित विषय की परीक्षा निरस्त की गई है।
विवि ने बुधवार को करीब ८९ नकल प्रकरण के परिणाम घोषित किए। इनमें सबसे ज्यादा ४५ नकल प्रकरण बीकॉम प्रथम,द्वितीय व तृतीय वर्ष के थे। जबकि बीएससी प्रथम,द्वितीय व तृतीय वर्ष में ३४ नकल प्रकरण बने थे। बीकॉम प्रथम,द्वितीय व तृतीय वर्ष में बने नकल प्रकरणों में से २२ की संबंधित विषय की परीक्षा निरस्त की गई है,जबकि १५ की पूरी परीक्षा ही निरस्त कर दी गई। ३ के पेपर निरस्त किए गए तथा २ को कोई सजा नहीं दी गई। बीएससी बीकॉम प्रथम,द्वितीय व तृतीय वर्ष के ३४ नकल प्रकरणों में से १६ के विषय निरस्त कर दिए गए हैं तथा १५ को पूरी परीक्षा से बेदखल कर दिया गया,जबकि ३ को कोई सजा नहीं दी गई।
इनके अलावा पीजीडीसीए प्रथम सेमेस्टर में पक़ड़ाए सभी ४ तथा बीएचएम प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर के अलावा बीएलएलटी तृतीय के १-१नकलची की पूरी परीक्षा निरस्त की गई है। जबकि बीफार्मा प्रथम सेमेस्टर के प्रकरण में पेपर तथा बीफार्मा सातवें सेमेस्टर में १ का विषय निरस्त किया गया। बीएचएम द्वितीय सेमेस्टर में एक विद्यार्थी को कोई सजा नहीं दी गई है(नई दुनिया,भोपाल,2.9.2010)।
मध्य प्रदेश शिक्षण व्यवस्था में नकलचियों को कड़ी सजा मिलना महाराष्ट्र के सभी नकाची केन्द्रों और नकलचियो के लिए एक शिक्षारूप आदर्श है | इस दंड के भय से ही सही काश नकलचियों के नक़ल से अपनी प्रतिभा को योग्य परिणाम देना श्रेष्ठ विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगा |
जवाब देंहटाएंधन्यवाद |