मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

20 सितंबर 2010

पंजाब विश्वविद्यालयःविदेशी छात्रों को मिल सकती है एंट्रेंस से छूट

देश की दूसरी यूनिवर्सिटी की तरह अब पंजाब यूनिवर्सिटी भी विदेशी छात्रों को रिझाने का फामरूला बनाने की तैयारी में है। यूनिवर्सिटी विदेशी छात्रों के दाखिले में आ रही एंट्रेंस टेस्ट की बाधा को दूर करने पर विचार कर रही है और इसके लिए जल्द ही कमेटी बन सकती है। इस प्रस्ताव के सिरे चढ़ने पर यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों को एंट्रेंस के बगैर ही दाखिला दिया जाएगा।

पीयू में पिछले कुछ अरसे से विदेशी छात्रों की तादाद में लगातार कमी आई है। विदेशी छात्रों के नाम पर अब ईरान, अफगानिस्तान या पश्चिम एशिया के कुछ देशों के छात्र ही यूनिवर्सिटी में दाखिला ले रहे हैं। यह छात्र भी यूनिवर्सिटी में पीएचडी करने के लिए आ रहे हैं। पिछले चार बरसों से इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के कई कोर्स शुरू करने के बाद भी विदेशी छात्र पीयू से दूर हैं।

इन सारी परिस्थितियों पर गौर करने के बाद यह बात सामने आई है कि एंट्रेंस टेस्ट विदेशी छात्रों के पीयू तक पहुंचने में सबसे बड़ी बाधा है। देश की दूसरी यूनिवर्सिटीस में विदेशी छात्रों को एंट्रेंस टेस्ट से राहत दी गई है। इस प्रस्ताव को सिरे चढ़ाने के लिए जल्द ही कमेटी का गठन किया जाएगा। डीएसडब्ल्यू प्रो. नवल किशोर कहते हैं, पीयू प्रशासन के पास विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए दाखिले की प्रक्रिया आसान करने के सुझाव आए हैं। पीयू प्रशासन इन छात्रों को एंट्रेंस टेस्ट से छूट देने पर विचार कर रहा है।

तकनीकी बाधा है एंट्रेंस टेस्ट

पीयू में विदेशी छात्रों के लिए एंट्रेंस टेस्ट तकनीकी तौर पर बड़ी बाधा साबित हो रहा है। छात्रों को पहले एंट्रेंस के लिए वीजा लेना पड़ता है। एंट्रेंस क्लीअर होने पर काउंसिलिंग के लिए दोबारा वीजा हासिल करने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। कई बार दूसरी या तीसरी काउंसिलिंग में जाकर एडमिशन का रास्ता साफ होता है।

इवैल्यूएशन में मददगार विदेशी छात्र

विदेशी छात्रों का दाखिला न सिर्फ आर्थिक तौर पर पीयू के लिए फायदेमंद है, बल्कि यूजीसी और नैक जैसी एजेंसियों की असेस्मेंट में भी मददगार बनती है। इन एजेंसियों की असेस्मेंट में विदेशी छात्रों को पढ़ाने वाली यूनिवर्सिटीस को ज्यादा माइलेज मिलती है(अधीर रोहाल,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,20.9.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।