जब देश में हिंदी पखवारे की तैयारियां जोरों पर हैं तब हिंदी पट्टी के गढ़ उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में अंग्रेजी देवी का मंदिर बनाने की तैयारी चल रही है। यह देश और संभवत: दुनिया का पहला ऐसा मंदिर है जो अंग्रेजी की महिमा का बखान करने और उसके प्रति श्रद्धा जताने के लिए बनाया जा रहा है। अंग्रेजी देवी मंदिर की स्थापना का मूल उद्देश्य दलित समाज को यह संदेश देना है कि उनका उद्धार इस भाषा के ज्ञान से ही हो सकता है। खास बात यह है कि जिले के मोहम्मदी क्षेत्र के बनकागांव में नालंदा पब्लिक शिक्षा निकेतन इंटर कालेज परिसर में निर्माणाधीन मंदिर में अंग्रेजी देवी की प्रतिमा की स्थापना यानी प्राण प्रतिष्ठा उन लार्ड मैकाले के जन्म दिन यानी 25 अक्टूबर को होगी जिन्हें तमाम भारतीय देश में ब्रिटिश पद्धति की शिक्षा प्रणाली और साथ ही अंग्रेजी थोपने के लिए कोसते हैं। अंग्रेजी देवी के रूप में एक अंग्रेज महिला हाथ में कलम-किताब लिए है और वह कंप्यूटर पर खड़ी है। अंग्रेजी देवी की प्रतिमा कुछ-कुछ स्टेच्यू आफ लिबर्टी जैसी दिखती है और फिलहाल विद्यालय के प्रधानाचार्य के कमरे में रखी है। यह ब्रांज की बनी है और करीब 20 किग्रा वजनी है। इसे दिल्ली से यहां लाया गया है। अपने ढंग के इस अनोखे मंदिर का निर्माण कुछ दलित चिंतकों की पहल पर हो रहा है। इनमें प्रमुख हैं चंद्रभान प्रसाद, जो दलितों के बीच अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पिछले कई वर्ष से लार्ड मैकाले का जन्मदिन धूमधाम से मना रहे हैं। मंदिर का शिलान्यास इसी वर्ष 30 अप्रैल को हुआ था। इस अवसर पर दो विदेशी पत्रकार भी यहां आए थे। करीब पांच हजार आबादी वाले दलित बहुल बनकागांव में पिछड़ा और सवर्ण तबका भी अच्छी-खासी संख्या में है। विद्यालय के प्रधानाचार्य शिवशंकर लाल निगम ने बताया कि आपसी सहायता से तैयार हो रहे मंदिर के निर्माण में धन की कमी आड़े आ रही है। उन्होंने बताया कि दलित उद्यमी और पुणे स्थित दलित इंडियन चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के चैयरमैन मिलिंद कांबले ने मंदिर निर्माण के लिए 2 लाख रुपये देने को कहा था, लेकिन धन अभी मिला नहीं है। उनके अनुसार अगर धनाभाव के कारण 25 अक्टूबर तक मंदिर निर्माण नहीं हो पाता तो फिर अगली समय सीमा 26 जनवरी होगी(मनोज मिश्र,दैनिक जागरण,११.९.२०१०) ।
bahut achha wellcome you on my blog
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