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14 अक्तूबर 2010

अगले वर्ष यूपी बोर्ड की परीक्षा 174 केंद्रों पर

वर्ष 2011 की यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा जिले के 174 केन्द्रों पर होगी। इस बार 95 हजार परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे जिसमें हाईस्कूल में करीब 60 हजार और इंटरमीडिएट में 35 हजार परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। पिछले वर्ष की तुलना में हाईस्कूल में छह हजार छात्र कम बैठेंगे जबकि इंटरमीडिएट में इनकी संख्या में तीन हजार की वृद्धि हुई है। शासन के आदेश के बावजूद पिछली परीक्षा में नकल कराने वाले स्कूल फिर से परीक्षा केन्द्र की सूची में शामिल कर लिए गए हैं। अर्जुनगंज का एक परीक्षा केन्द्र भी इस सूची में शामिल है। हालांकि जिला विद्यालय निरीक्षक गणेश कुमार का कहना है कि केन्द्र निर्धारण के समय आदेश का पूरा ध्यान रखा गया है। छात्रों की तीन हजार संख्या कम होने के बावजूद इस बार पांच परीक्षा केन्द्र बढ़ाये गए हैं। पिछली परीक्षा में 169 केन्द्र थे जबकि इस बार इनकी संख्या बढ़कर 174 हो गई है। इस बार 68 वित्त विहीन स्कूलों को केन्द्र बनाया गया है। 

उठने लगे सवाल
बोर्ड परीक्षा की नीति में स्पष्ट था कि राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में केन्द्र बनाने के बाद ही स्वच्छ छवि वाले वित्तविहीन स्कूलों को परीक्षा केन्द्र बनाया जाना था। यह भी निर्देश था कि जिन केन्द्रों पर पिछले वर्ष नकल पकड़ी गई या फिर उड़न दस्ते के साथ अभ्रदता हुई वे परीक्षा केन्द्र नहीं बनेंगे। नियमानुसार राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में एक हजार और वित्त विहीन स्कूलों में पांच सौ से अधिक परीक्षार्थियों को नहीं बैठाया जाएगा। जिले में 13 राजकीय, 104 सहायता प्राप्त और तीन स्कूल हाईस्कूल तक अनुदानित की श्रेणी में आते हैं। कुल 120 विद्यालयों में यदि तीन स्कूलों को हटा दिया जाए तो शेष 117 विद्यालयों में लगभग एक लाख परीक्षार्थियों को बैठाने की क्षमता है। उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांतीय मंत्री डॉ.आरपी मिश्र कहते हैं कि शासनादेश का पालन पूरी तरह नहीं किया गया(दैनिक जागरण,लखनऊ,14.10.2010)।

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