पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) की लेटलतीफी से इस साल दो हजार से भी अधिक छात्र दाखिला लेने से वंचित रह गए। पीयू से संबद्ध कालेजों में बीए और बीएससी के पहले वर्ष में कुछ सीटें खाली हैं, लेकिन पीयू की ओर से देरी से लिए गए फैसले की जानकारी छात्रों को न होने के कारण छात्र दाखिला नहीं ले सके।
छात्रों के लिए अपने ही बनाए नियम को पीयू हर साल बदल रही है, लेकिन छात्र इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार बारहवीं में कंपार्टमेंट आने पर छात्र को इस शर्त पर दाखिला मिलता है कि वह पूरक परीक्षा में कंपार्टमेंट क्लीयर कर लेगा। पीयू ने सभी कालेजों को निर्देश दिए थे कि बीए, बीएससी और बीकॉम के पहले वर्ष में उन छात्रों को दाखिला नहीं दिया जा सकता है, जिनकी बारहवीं में कंपार्टमेंट आई है और संबंधित विषय में उसके २० प्रतिशत से कम मार्क्स हैं। इस नियम की जानकारी न होने से बहुत से ऐसे छात्रों ने भी दाखिले के लिए आवेदन कर दिया जिनके २० प्रतिशत से कम मार्क्स थे, लेकिन, इन छात्रों को दाखिला नहीं मिला।
पीयू सिंडीकेट ने ३१ अगस्त को यह फैसला लिया कि जिन छात्रों के कंपार्टमेंट वाले विषय में २० प्रतिशत से कम मार्क्स हैं, उन्हें भी दाखिला दे दिया जाए। ३१ अगस्त को पीयू और कालेजों में १५०० रुपये लेट फीस के साथ दाखिले की अंतिम तिथि थी। सिंडीकेट ने अंतिम तिथि भी १५ सितंबर तक बढ़ा दी, लेकिन सिंडीकेट के इस फैसले की जानकारी छात्रों को न होने के कारण गिने-चुने छात्र ही इस फैसले का लाभ उठा सके। सीनेट की गत रविवार को हुई बैठक में सिंडीकेट के इस फैसले पर मुहर लगाई गई। बैठक में कई सीनेट सदस्यों ने यह मांग भी की कि अगले साल से पीयू को २० प्रतिशत से कम मार्क्स हासिल करने वाले छात्रों को दाखिला न देने का नियम ही हटा देना चाहिए, लेकिन सीनेट में इस पर सहमति नहीं बनी।
पिछले साल भी सिंडीकेट ने सितंबर में यह फैसला लिया था और दाखिले की अंतिम तिथि बढ़ाई थी। पिछले साल भी पीयू की ओर से फैसला देरी से लिए जाने के कारण बहुत से छात्र दाखिला नहीं ले सके थे। छात्रों का कहना है कि पीयू ने अगर पहले ही यह फैसला ले लिया होता तो सैकड़ों छात्र इसका फायदा उठा लेते। हर साल नियम में बदलाव करने का कोई मतलब नहीं बनता है।
सीईटी ऑनलाइन नहीं
पीयू सीनेट की बैठक में वीसी ने अगले शिक्षा सत्र से कुछ कोर्सों में ऑनलाइन दाखिला करने की बात तो कही, लेकिन संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीईटी) ऑनलाइन करने के प्रस्ताव से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन दाखिला करना तो आसान है लेकिन ऑनलाइन टेस्ट लेने में कई तकनीकी दिक्कतें आएंगी। पीयू ने दो साल पहले सीईटी ऑनलाइन करने का प्रस्ताव तैयार किया था(अमर उजाला,चंडीगढ़,12.10.2010)।
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