यूपी में सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील में हेराफेरी को रोकने के लिए मिड डे मील अथॉरिटी ने पूरे प्रदेश में इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम शुरू किया, लेकिन स्कूलों से रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है। अथॉरिटी से शिकायत मिलने पर डीएम ने 80 स्कूलों के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं।
माना जा रहा था कि इस सिस्टम के शुरू होने के बाद अथॉरिटी यूपी के उन सभी स्कूलों जहां मिड डे मील परोसा जाता है, सीधी नजर रखेगी। इसके लिए प्रदेश भर के बेसिक शिक्षा अधिकारी से जिले के सभी स्कूलों के प्रिंसिपल, टीचर्स और शिक्षामित्रों के नाम और उनके मोबाइल नंबर की लिस्ट की डेटा फिडिंग कराई गई थी। सिस्टम को सही ढंग से संचालित करने के लिए यूपीडेस्को के अधिकारियों ने स्कूल के प्रिंसिपल, टीचर्स और शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग भी दी। इसके तहत कॉल सेंटर की तरह इन्हें फोन करके मिड डे मील की रिपोर्ट ली जानी थी, लेकिन जिनके भरोसे यह सर्विस शुरू की गई थी, वही इसमें पलीता लगा रहे हैं।
डीएम दीपक अग्रवाल ने बताया कि प्राधिकरण ने 80 ऐसे स्कूलों की लिस्ट भेजी है, जहां फोन करने पर रिस्पॉन्स नहीं मिला। इससे स्कूलों में मिड डे मील ग्रहण करने वाले स्टूडेंट्स की सूचना सिस्टम के माध्यम से पहुंच सका और इसका मिलान जिले के बीएसए ऑफिस से हर महीने भेजे जाने वाली मंथली प्रोग्रेस रिपोर्ट से नहीं हो सका। बीएसए डॉ. धर्मवीर सिंह ने बताया कि सभी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो संबंधित प्रिंसिपल, टीचर और शिक्षामित्र सभी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी(नवभारत टाइम्स,ग्रेटर नोएडा,13.10.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।