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13 अक्तूबर 2010

भारत और स्काटलैंड ने शिक्षा के क्षेत्र में किए दस्तखत

भारत और स्काटलैंड ने शिक्षा क्षेत्र में संबंध मजबूत करने के लिहाज से मंगलवार को चार सहमति पत्रों पर दस्तखत किए हैं जिनसे छात्रों और शिक्षकों के आदान प्रदान कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और स्काटलैंड के प्रथम मंत्री एलेक्स सालमंड की मौजूदगी में दोनों देशों के संस्थानों के निदेशकों ने एमओयू पर दस्तखत किए। एमओयू पर हस्ताक्षर होने को ऐतिहासिक करार देते हुए सिब्बल ने कहा कि ये समझौते दोनों देशों के संस्थानों के लिए अवसर बढ़ाएंगे और उन्हें ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं के समाधान तलाशने में मदद देंगे। उन्होंने कहा कि देश में मानक चिकित्सा उपकरण के निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए जल्द एक नियामक प्राधिकरण बनाने की जरूरत है। सिब्बल ने कहा कि एक विधेयक पर पहले ही विचार हो रहा है। उन्होंने इसके जल्दी पारित होने की उम्मीद जताई। मंत्री ने स्काटलैंड के संस्थानों से यह पता लगाने को कहा कि क्या वाणिज्यिक शिक्षा के लिए भारत के संस्थानों के साथ मिलकर सहयोग किया जा सकता है या नहीं। यूनिवर्सिटी ऑफ एबरटाय डुंडी और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद के बीच भी संयुक्त अनुसंधान एवं छात्र विनिमय कार्यक्रमों के लिए एक सहमति हुई। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग ने भी इस तरह के एक समझौते पर दस्तखत किए। सालमंड ने कहा कि स्काटलैंड को इसकी विश्वस्तरीय शिक्षा प्रणाली के लिए जाना जाता है और शैक्षणिक सहयोग के लिहाज से भारत हमारा प्रमुख सहयोगी देश है। भारत के चार हजार से अधिक विद्यार्थी स्काटलैंड के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे हैं(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,13.10.2010)।

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