पिछले साल की मंदी से उबर रही भारतीय आईटी इंडस्ट्री के 20 लाख से ज्यादा सॉफ्टवेयर पेशेवरों को आखिरकार कुछ अच्छी खबर मिलने वाली है। मंदी के दौर में उनकी कंपनियों ने वेतन कटौती की राह पकड़ ली थी और नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब ये कंपनियां भर्ती के दरवाजे खोल रही हैं।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस टेक्नोलॉजीज और विप्रो जैसी भारत की अग्रणी सॉफ्टवेयर कंपनियां इस साल लगभग 90,000 नए कर्मचारियों की नियुक्ति करने की तैयारी में हैं, जबकि पिछले साल इन्होंने करीब 20,000 पेशेवरों की ही नियुक्ति की थी। बड़ी आईटी कंपनियों के लिए काम करने वाली रीक्रूटमेंट फर्मों और आईटी कंपनियों में एचआर डिवीजन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सितंबर में भारतीय आईटी सेक्टर में रिकॉर्ड स्तर पर नियुक्तियां हुईं। उनका कहना है कि इस दौरान सॉफ्टवेयर कंपनियों में सामूहिक तौर पर 50 फीसदी से ज्यादा नए कर्मचारी जुड़े और इसी के साथ इस सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या मंदी से पहले के स्तर पर पहुंच गई। अमेरिकी आर्थिक संकट के बाद नियुक्तियां थमने और दिसंबर 2008 में छंटनी के बाद यह पहला मौका है जब आईटी सेक्टर में रोजगार की राह रोशन हुई है।
मा फोई रैंडस्टाड के डायरेक्टर और प्रेसिडेंट ई बालाजी ने कहा, 'मंदी के बाद आईटी सेक्टर में यह नियुक्तियों में दर्ज की गई सबसे अधिक बढ़ोतरी है। अगले साल से पहले कंपनियों को अपनी सालाना नियुक्ति योजना पूरी करनी होगी, लिहाजा नवंबर तक हम इसी तरह के माहौल की उम्मीद कर रहे हैं।' उनका अनुमान है कि इस साल अगस्त से सितंबर के बीच भारतीय आईटी सेक्टर में पिछले साल की तुलना में 20-22 फीसदी ज्यादा नियुक्तियां हुई हैं।
साल 2008 तक आईटी इंडस्ट्री में कर्मचारियों के नौकरी बदलने की 15 फीसदी की दर को सामान्य कहा जाता था, जब कुछ कंपनियां इसे 20 से 30 फीसदी से नीचे रखने की जीतोड़ कोशिश कर रही थीं। हालांकि, जेपी मॉर्गन, सिटी बैंक और जीई जैसे बड़ी ग्राहक कंपनियां बड़े पैमाने पर परियोजनाएं भारत भेज रही हैं और इसके साथ आईबीएम, एक्सेंचर जैसी कंपनियों पर भारत जैसी सस्ते लोकेशन पर नियुक्तियां बढ़ाने का दबाव भी है। लिहाजा, कुशल कर्मचारियों को अपने साथ बनाए रखने और नई नियुक्तियों का दौर एकबार फिर लौट आया है। सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के संगठन नैस्कॉम के मुताबिक, भारतीय आईटी इंडस्ट्री इस साल लगभग 90,000 लोगों की नियुक्तियां करेगी। नई परियोजनाओं के मद्देनजर ज्यादा नियुक्तियां करने के साथ आईटी कंपनियां भावी कारोबार के लिए भी कर्मचारियों की मजबूत टीम तैयार कर रही हैं।
केपीएमजी में आईटी एडवाइजरी के हेड और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर प्रदीप उधास ने कहा, 'बड़ी आईटी कंपनियां निकट भविष्य में हासिल होने वाले नए ऑर्डरों के लिए कुशल कर्मचारियों की टीम बना रही हैं और उन्हें प्रशिक्षण दे रही हैं।' उन्होंने कहा, 'इनमें से कुछ कंपनियों के कर्मचारी नौकरी बदल भी सकते हैं, ऐसे में कंपनियां रक्षात्मक कदम के तौर पर नई नियुक्तियां कर रही हैं। टीसीएस, इंफोसिस और कॉग्निजेंट जैसी सभी बड़ी आईटी कंपनियों ने अनुमानित मुनाफे का स्तर बढ़ा दिया है।' उधास ने उम्मीद जताई कि आईटी सेक्टर में नियुक्तियों का यह दौर एक और साल तक जारी रह सकता है।पिछले तिमाही नतीजे में 38,275 कर्मचारी होने का एलान कर चुकी एमफैसिस का कहना है कि इस समय कंपनी में 2,000 से ज्यादा रिक्तियां हैं।
एमफैसिस के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी एलांगो आर ने कहा, 'मंदी में भी हमने नियुक्तियां नहीं रोकीं। उत्साहजनक बात यह है कि जिन कंपनियों ने भर्तियों पर लगाम कसी थी, उन्होंने भी नियुक्तियां करनी शुरू कर दी हैं।'इस बीच, आईटी सेक्टर में भर्तियों पर नजर रखने वाले जॉब इंडेक्स भी उत्साह बढ़ने का संकेत दे रहे हैं। टाइम्स बिजनेस सॉल्यूशंस के सीईओ आर सुंदर ने कहा, 'टाइम्सजॉब्सडॉटकाम के अनुसार, भर्तियों की रफ्तार संतुलित रहने की उम्मीद है और कौशल तथा अनुभव के अनुसार मांग बढ़ेगी।'(देबजॉय सेनगुप्ता / ऋतंकर मुखर्जी,इकनॉमिक टाइम्स,कोलकाता,12.10.2010)
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