अगर आप कैट की तैयारी कर रहे हैं और उस मेहनत को बेकार जाने देने के मूड में नहीं हैं तो एक और कोर्स में दाखिले की आजमाइश कर लें। ऐसे छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैम्पस स्थित मास्टर ऑफ फाइनेंस एंड कंट्रोल (एमएफसी) प्रोग्राम में करियर संवारने का बेहतरीन मौका मिल सकता है। फाइनेंस से जुड़े क्षेत्रों में जाने के लिए यह दो वर्षीय कोर्स शत-प्रतिशत नौकरी से जुड़ा है। प्रशासन ने इस कोर्स में दाखिले के लिए इस बार कैट में शामिल होने वाले छात्रों को ही बुलाया है। कोर्स में आवेदन की प्रक्रिया जारी है। फॉर्म 26 नवम्बर तक भरे जाएंगे।
कोर्स
एमएफसी फाइनेंस का स्पेशलाइज्ड कोर्स है। यह वित्तीय योजनाएं तैयार करने और उसकी नीतियां बनाने में छात्रों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित करता है। इसके तहत प्रबंधकीय नीति बनाने, खासकर ऑर्गेनाइजेशनल व्यवहार, मैनेजेरियल अर्थशास्त्र, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, फाइनेंशियल सर्विस, इंटरनेशनल फाइनेंस, इंटरनेशनल अकाउंटिंग, इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। एमएफसी के कोर्स को कुछ वर्ष पहले बदला भी गया था। इसमें डेरिवेटिव्स एंड रिस्क मैनेजमेंट, ट्रेजरी मैनेजमेंट, रिअल एस्टेट इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट, इंश्योरेंस मैनेजमेंट, म्युचुअल फंड्स मैनेजमेंट, इक्विटी रिसर्च आदि की जानकारी दी जाती है। आज कॉरपोरेट जगत की बढ़ती भूमिका के मद्देनजर छात्रों को कॉरपोरेट फाइनेंस, कैपिटल और मनी मार्केट, क्रेडिट रेटिंग, वेन्चर कैपिटल, फॉरेक्स एडवाइजरी सर्विस जैसी चीजों के बारे में भी बताया जा रहा है। संशोधित पाठय़क्रम, जिसमें इंडस्ट्री प्रोजेक्ट स्टडी व किसी प्रतिष्ठित संस्थान में आठ-दस सप्ताह का समर ट्रेनिंग प्रोग्राम सहित 30 कोर्सों को शामिल किया गया है। व्यावहारिक ज्ञान देने के लिए वार्षिक सम्मेलन, सेमिनार, कार्यशाला और शोध कार्य भी कराया जाता है।
विशेषज्ञ बोले
विभाग के प्रमुख आईएम पांडे के मुताबिक 23 साल पुराना यह कोर्स फाइनेंस के क्षेत्र में उभरते रोजगार को ध्यान में रख कर शुरू किया गया था। इसमें छात्रों को सैद्धांतिकी और व्यावहारिक, दोनों पक्षों से रूबरू कराया जाता है।
योग्यता
दाखिले के लिए स्नातक या एमए, किसी भी विषय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना जरूरी है। जो बीए अंतिम वर्ष की परीक्षा दे रहे हैं, वे भी आवेदन कर सकते हैं।
दाखिला प्रक्रिया
इस बार अलग से दिल्ली विश्वविद्यालय और देश के अन्य शहरों में प्रवेश परीक्षा नहीं होगी। छात्रों का चयन कैट की लिस्ट से किया जाएगा। जो छात्र इस कोर्स में आवेदन करेंगे उन्हें कैट की लिस्ट देख कर व्यक्तिगत साक्षात्कार और समूह चर्चा के लिए बुलाया जाएगा, जिसमें आमतौर पर जिस पृष्ठभूमि से आप हैं, उसको लेकर और जिस क्षेत्र में आप जाना चाहते हैं, उसके विभिन्न पहलुओं के बारे में पूछे जाने की संभावना है। व्यक्तिगत साक्षात्कार में आपके आत्मविश्वास, व्यक्तित्व आदि की परख की जाती है।
प्लेसमेंट कहां
आमतौर पर कॉरपोरेट व इंटरनेशनल फाइनेंस, स्टॉक एक्सचेंज व कैपिटल मार्केट, डिपोजिटरी सर्विस, इंवेस्टमेंट बैकिंग, इक्विटी रिसर्च, धन प्रबंधन और वित्तीय सेवाओं से जुड़े क्षेत्र में जैसे मर्चेट बैंकिंग, म्यूचुअल फंड्स, रिअल एस्टेट, इंश्योरेंस और बैंक वित्तीय संस्थानों में काम करने का अवसर मिलता है। फैकल्टी में हर साल आने वाली कंपनियों और बैंकों में बैंक ऑफ बड़ोदा, सिटी फाइनेंशियल, केअर रेटिंग्स, एचएसबीसी बैंक, एचएसबीसी जीबीएम, एसबीआई म्युचुअल फंड और कैपिटल मार्केट्स, आइसीआरए इंडियन ऑल कॉरपोरेशन, जेपी मॉर्गन, मेघराज, नेस्ले इंडिया, टेरी और सेबी आदि प्रमुख हैं। पिछले सत्र में शत-प्रतिशत प्लेसमेंट में औसतन पैकेज सालाना 8.13 लाख रहा है। सबसे अधिक 11.5 लाख रुपये का पैकेज मिला था(प्रियंका कुमारी,हिंदुस्तान,दिल्ली,12.10.2010)।
कोर्स
एमएफसी फाइनेंस का स्पेशलाइज्ड कोर्स है। यह वित्तीय योजनाएं तैयार करने और उसकी नीतियां बनाने में छात्रों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित करता है। इसके तहत प्रबंधकीय नीति बनाने, खासकर ऑर्गेनाइजेशनल व्यवहार, मैनेजेरियल अर्थशास्त्र, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, फाइनेंशियल सर्विस, इंटरनेशनल फाइनेंस, इंटरनेशनल अकाउंटिंग, इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। एमएफसी के कोर्स को कुछ वर्ष पहले बदला भी गया था। इसमें डेरिवेटिव्स एंड रिस्क मैनेजमेंट, ट्रेजरी मैनेजमेंट, रिअल एस्टेट इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट, इंश्योरेंस मैनेजमेंट, म्युचुअल फंड्स मैनेजमेंट, इक्विटी रिसर्च आदि की जानकारी दी जाती है। आज कॉरपोरेट जगत की बढ़ती भूमिका के मद्देनजर छात्रों को कॉरपोरेट फाइनेंस, कैपिटल और मनी मार्केट, क्रेडिट रेटिंग, वेन्चर कैपिटल, फॉरेक्स एडवाइजरी सर्विस जैसी चीजों के बारे में भी बताया जा रहा है। संशोधित पाठय़क्रम, जिसमें इंडस्ट्री प्रोजेक्ट स्टडी व किसी प्रतिष्ठित संस्थान में आठ-दस सप्ताह का समर ट्रेनिंग प्रोग्राम सहित 30 कोर्सों को शामिल किया गया है। व्यावहारिक ज्ञान देने के लिए वार्षिक सम्मेलन, सेमिनार, कार्यशाला और शोध कार्य भी कराया जाता है।
विशेषज्ञ बोले
विभाग के प्रमुख आईएम पांडे के मुताबिक 23 साल पुराना यह कोर्स फाइनेंस के क्षेत्र में उभरते रोजगार को ध्यान में रख कर शुरू किया गया था। इसमें छात्रों को सैद्धांतिकी और व्यावहारिक, दोनों पक्षों से रूबरू कराया जाता है।
योग्यता
दाखिले के लिए स्नातक या एमए, किसी भी विषय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना जरूरी है। जो बीए अंतिम वर्ष की परीक्षा दे रहे हैं, वे भी आवेदन कर सकते हैं।
दाखिला प्रक्रिया
इस बार अलग से दिल्ली विश्वविद्यालय और देश के अन्य शहरों में प्रवेश परीक्षा नहीं होगी। छात्रों का चयन कैट की लिस्ट से किया जाएगा। जो छात्र इस कोर्स में आवेदन करेंगे उन्हें कैट की लिस्ट देख कर व्यक्तिगत साक्षात्कार और समूह चर्चा के लिए बुलाया जाएगा, जिसमें आमतौर पर जिस पृष्ठभूमि से आप हैं, उसको लेकर और जिस क्षेत्र में आप जाना चाहते हैं, उसके विभिन्न पहलुओं के बारे में पूछे जाने की संभावना है। व्यक्तिगत साक्षात्कार में आपके आत्मविश्वास, व्यक्तित्व आदि की परख की जाती है।
प्लेसमेंट कहां
आमतौर पर कॉरपोरेट व इंटरनेशनल फाइनेंस, स्टॉक एक्सचेंज व कैपिटल मार्केट, डिपोजिटरी सर्विस, इंवेस्टमेंट बैकिंग, इक्विटी रिसर्च, धन प्रबंधन और वित्तीय सेवाओं से जुड़े क्षेत्र में जैसे मर्चेट बैंकिंग, म्यूचुअल फंड्स, रिअल एस्टेट, इंश्योरेंस और बैंक वित्तीय संस्थानों में काम करने का अवसर मिलता है। फैकल्टी में हर साल आने वाली कंपनियों और बैंकों में बैंक ऑफ बड़ोदा, सिटी फाइनेंशियल, केअर रेटिंग्स, एचएसबीसी बैंक, एचएसबीसी जीबीएम, एसबीआई म्युचुअल फंड और कैपिटल मार्केट्स, आइसीआरए इंडियन ऑल कॉरपोरेशन, जेपी मॉर्गन, मेघराज, नेस्ले इंडिया, टेरी और सेबी आदि प्रमुख हैं। पिछले सत्र में शत-प्रतिशत प्लेसमेंट में औसतन पैकेज सालाना 8.13 लाख रहा है। सबसे अधिक 11.5 लाख रुपये का पैकेज मिला था(प्रियंका कुमारी,हिंदुस्तान,दिल्ली,12.10.2010)।
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