इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में बीएड कोर्स में प्रवेश दिलाने के लिए पांच हजार रुपये बतौर रिश्वत लेने वाले चपरासी और महिला एकाउंटेंट को तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने चपरासी पर दस हजार रुपये और महिला एकाउंटेंट पर बीस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
तीस हजारी स्थित सीबीआई की विशेष न्यायाधीश वीके माहेश्वरी की अदालत ने 2008 में अवतार सिंह से रिश्वत लेने के आरोप में इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के चपरासी राजेंद्र प्रसाद विश्नोई व एकाउंटेड रविंदर कौर को दोषी करार दिया। राजेंद्र विश्नोई को अवतार सिंह से रिंश्वत लेते हुए सीबीआई ने 7 जुलाई 2008 को गिरफ्तार किया था। उसके बाद महिला की संलिप्तता का खुलासा होने पर सीबीआई ने महिला एकाउंटेंट को गिरफ्तार किया था। अवतार सिंह ने सीबीआई को शिकायत की कि चपरासी व महिला एकाउंटेंट ने उनसे साठ हजार रुपये मांगे थे और उन्हें धमकी दी कि यदि उन्होंने पैसे नहीं दिए, तो उसकी बेटी व भतीजी का प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा(दैनिक जागरण,दिल्ली,13.10.2010)।
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