मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

15 अक्तूबर 2010

लखनऊ विविःप्रोन्नतियों पर लगी मुहर

लखनऊ विश्वविद्यालय में गुरुवार को हुई कार्यपरिषद की आपात बैठक में प्रोन्नतियों व नियुक्तियों पर मुहर लगा दी गयी, लेकिन विधि संकाय में प्रोन्नति पाये तीन शिक्षकों के अग्रिम इंक्रीमेंट को खारिज कर दिया गया। कार्यपरिषद के एजेन्डा में शामिल दूसरे मामलों पर चर्चा नहीं हो पायी और उन्हें अगली कार्यपरिषद में रखा जाएगा। विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की बैठक कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र की अध्यक्षता में करीब डेढ़ घण्टे में ही निपट गयी। विधि संकाय के शिक्षकों की प्रोन्नतियों पर मुहर लगा दी गयी, लेकिन दो रीडर व एक वरिष्ठ प्रवक्ता को मिले एडवांस इंक्रीमेंट को खारिज कर दिया गया। रीडर पद पर प्रोन्नति पाये एक शिक्षक को तीन, एक को दो और वरिष्ठ प्रवक्ता पद पर प्रोन्नत शिक्षक को एक इंक्रीमेंट पहले से दिया गया था, लेकिन अब उन्हें इन एडवांस इंक्रीमेंट का लाभ नहीं मिल सकेगा। कार्यपरिषद में सदस्यों के विरोध के बाद तीनों शिक्षकों के इंक्रीमेंट को खारिज कर दिया गया। विधि संकाय में प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति का मामला यूजीसी की रिपोर्ट न आने से नहीं खोला जा सका। इसके साथ ही लोक प्रशासन विभाग में कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत डा. मनोज दीक्षित को प्रोफेसर, शिक्षा संकाय में डा. अनिल शुक्ला सहित एक अन्य शिक्षक व दर्शनशास्त्र विभाग, अंग्रेजी विभाग, इतिहास विभाग में शिक्षकों की प्रोन्नतियों पर कार्यपरिषद की मुहर लगा दी गयी है। मालूम हो कि पंचायत चुनाव के बीच में यह लगातार दूसरी कार्य परिषद है, जिसमें सिर्फ शिक्षकों की प्रोन्नतियों के मामले ही निपटाये जा रहे है। इससे पहले कला महाविद्यालय में शिक्षकों की प्रोन्नतियों को लेकर कार्यपरिषद की बैठक हुई थी और उसमें कई शिक्षकों की प्रोन्नतियों को खारिज कर दिया गया था। विधि संकाय के प्रोफेसर पद के लिए साक्षात्कार होने के बाद भी कार्यपरिषद में मामले को नहीं रखा गया। बताया जाता है कि प्रोफेसर के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से भी आब्जर्बर की रिपोर्ट आने के बाद ही प्रोन्नति सम्बन्धी प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसके चलते अब आगामी कार्यपरिषद की बैठक तक मामला टल गया है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,15.10.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।