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12 अक्तूबर 2010

छत्तीसगढ़ में नवस्थापित आईआईएम से जुड़ी कुछ जानकारियां

छ्त्तीसगढ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को देश के दसवें प्रबंध संस्थान का शुभारंभ किया। युवाओं को प्रबंधन की शिक्षा देने के लिए प्रसिद्ध भारतीय प्रबंधन संस्थान राजधानी रायपुर से लगे हुए ग्राम सेजबहार में स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ने विद्या की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर संस्थान के प्रथम बैच (पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम) के अध्ययन-अध्यापन कार्य का शुभारंभ किया। यह संस्थान देश का दसवां भारतीय प्रबंधन संस्थान होगा।

आनन फानन में आईआईएम रायपुर का शुभारंभ तो कर दिया गया है लेकिन इस संस्थान का न तो अपना भवन है न ही पढाने के लिए प्राध्यापक। फिलहाल यह संस्थान सेजबहार स्थित शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय परिसर में संचालित होगा। इस संस्थान के लिए 'नया रायपुर' में दो सौ हेक्टेयर जमीन आवंटित की गयी है, जहां इसके विशाल भवन और परिसर का निर्माण किया जाएगा। नियमित प्राध्यापकों की नियुक्ति होने तक आईआईएम इंदौर के प्रध्यापक ही विद्यार्थियों को पढाएंगे।

आईआईएम रायपुर के प्रथम सत्र के दो वर्षीय स्नातकोत्तर प्रबंधन पाठयक्रम में 70 सीटें हैं। जिसमें दो छात्र छत्तीसगढ के भी हैं और बाकी 68 छात्र दूसरे राज्य के हैं।

मुख्य अतिथि की आसंदी से संस्थान के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपनी शुभकामना में कहा कि शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर छत्तीसगढ़ में शुरू हो रहा यह संस्थान देश का सर्वोत्तम संस्थान बनेगा। डॉ. सिंह ने कहा कि विकास की अपार संभावनाओं वाले नये छत्तीसगढ़ राज्य को प्रबंधन के कुशल प्रशिक्षण के जरिए प्रगति की दिशा में और भी अधिक बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रबंधन की पढ़ाई जैसे महत्वपूर्ण कार्य में एक साल भी पीछे नहीं रहना चाहता, इसीलिए शासकीय इंजीनियर कॉलेज के परिसर में इसी सत्र से इसकी पढ़ाई शुरू की जा रही है। उन्होंने संस्थान में पढ़ने आए देश के विभिन्न क्षेत्र के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश का एक ऐसा क्षेत्र है, जो चुनौतियों से भरा है। इस राज्य की 45 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है, 44 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की है, यहां का 50 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है। निर्माण के पहले यहां का विकास असंतुलित था, लेकिन राज्य निर्माण के दस वर्षों के भीतर ही छत्तीसगढ़ का विकास सकल घरेलू उत्पाद के क्षेत्र में 11.49 प्रतिशत वृध्दि दर के साथ देश में सर्वोच्च ऊंचाई पर है। यह राज्य अकूत संभावनाओं से भरा है और श्रेष्ठ प्रबंधन के आधार पर इस राज्य को बेहतर दिशा दी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ने देश को बेहतर प्रबंधन का श्रेष्ठ उदाहरण दिया है। यहां देश का 19 प्रतिशत स्टील, 18 प्रतिशत सीमेंट तथा 18 प्रतिशत एल्यूमीनियम का उत्पादन होता है। विद्युत उत्पादन को व्यापक रूप से बढ़ाकर छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पावर सरप्लस राज्य बन गया है, जहां दसों सालों तक बिजली की कमी नहीं होगी। इसी तरह देश की सबसे श्रेष्ठ ईमली, तेन्दूपत्ता जैसे अनेक वनोपज उत्पादन के साथ-साथ विश्व में श्रेष्ठ स्तर के साल-सागौन और कुसुम के वृक्ष यहां है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के श्रेष्ठ प्रबंधन के आधार पर यहां के 34 लाख गरीब परिवारों को रियायत मूल्य पर चावल और नि:शुल्क अमृत नमक उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे छोटा सपना नहीं देखे और न ही किसी गलतफहमी में रहें, पूरे दिल और दिमाग के साथ तथा ईमानदारी और समर्पण से श्रेष्ठ प्रबंधन और कार्ययोजना बनाकर कार्य करें।

उच्च शिक्षा एवं तकनकी शिक्षा मंत्री हेमचंद यादव ने इस अवसर पर कहा कि उच्च शिक्षा के स्तर में छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले दस वर्षों में ऐतिहासिक कार्य हुआ है, जहां पहले केवल 1.5 प्रतिशत स्कूली विद्यार्थी महाविद्यालयों में प्रवेश लेते थे, अब यह दर बढ़कर 9.5 हो गयी है। राज्य में करीब 50 इंजीनियरिंग कॉलेज और 146 आई.टी.आई. जैसे संस्थान होने के साथ-साथ तीन राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान भी प्रारंभ हुए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीगसढ़ में जल्द ही आई.आई.आई.टी. प्रारंभ होगा।

तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव नारायण सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में करीब 50 इंजीनियरिंग कॉलेज, 08 फार्मा कॉलेज, 23 पॉलीटेक्निक और 24 मैनेजमेंट इस्ट्टीयूट संचालित है। छत्तीसगढ़ के रायपुर में भारतीय प्रबंधन संस्थान का बनना नींव का पत्थर है(छत्तीसगढ़ न्यूज़ अपडेट,11.10.2010)।

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