अंबेडकर विवि से संबद्ध एक बीएड महाविद्यालय की जांच रिपोर्ट पूरा सप्ताह बीतने के बाद भी तैयार नहीं हो सकी है। इधर, मौके का फायदा उठा बीएड कॉलेज न्यायालय की शरण में पहुंच गया है। जबकि नियम विरुद्ध 100 से ज्यादा छात्रों के प्रवेश लेने पर उक्त कॉलेज की मान्यता वापस लेने के लिए 2008 में ही प्रदेश के तत्कालीन प्रमुख सचिव ने पत्र लिख कार्रवाई का निर्देश दिया था।
देव एजूकेशन कॉलेज और देव कॉलेज बरहन की जांच मंडलायुक्त सुधीर एम. बोबड़े कर रहे हैं। सेक्शन 8 में चल रही जांच में विवि प्रशासन से दोनों महाविद्यालयों में संचालित पाठ्यक्रमों की सूची, उनकी एनओसी, पाठ्यक्रमों की संबद्धता के लिए गठित निरीक्षण मंडलों की विस्तृत आख्या, कॉलेज संचालित करने वाली समिति, संस्था और ट्रस्ट का विवरण मांगा गया है। इसके अलावा बीएड पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के लिए मान्यता और सीटों के अनुकूल अवस्थापना सुविधाओं का विवरण भी मांगा गया।
विवि को पूरी रिपोर्ट दो दिन में प्रशासन को सौंपनी थी, लेकिन एक सप्ताह बीतने के बाद भी रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। इस बीच रजिस्ट्रार द्वारा संबंधित बाबू को दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है, लेकिन विवि में उक्त कॉलेज से संबंधित कोई भी पत्रावली मौजूद नहीं है।
सूत्रों की मानें तो जांच रिपोर्ट में देरी का फायदा उठा कॉलेज संचालक उच्च न्यायालय की शरण में पहुंच गया है(दैनिक जागरण,आगरा,11.10.2010)।
बहुत ही सुन्दर रचना . बधाई
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