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12 अक्तूबर 2010

पंजाब यूनिवर्सिटीःअब जल्द आएंगे परीक्षा परिणाम

पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) से संबद्ध कालेज अब जल्द ही अंडर ग्रेजुएट कक्षाओं के पहले और दूसरे साल की परीक्षा अपने स्तर पर लेंगे। तीसरे वर्ष की परीक्षा पीयू ही लेगी। रविवार को पीयू सीनेट की बैठक में कुलपति प्रो.आरसी सोबती ने कालेज प्राचार्यों के समक्ष यह प्रस्ताव रखा। उम्मीद है कि यह प्रस्ताव अगले शिक्षा सत्र से लागू होगा और अप्रैल, २०१२ में होने वाली परीक्षा कालेज अपने स्तर पर ले सकेंगे। इस प्रस्ताव के लागू होने से परिणाम समय पर घोषित हो सकेंगे।

कुलपति के इस प्रस्ताव पर कुछ सदस्यों ने कहा कि चंडीगढ़ में तो कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन पंजाब के ग्रामीण इलाकों के कालेजों में स्टाफ की कमी के चलते इस प्रस्ताव को लागू करने में दिक्कत आएगी। एसडी कालेज के प्रिंसिपल डा.एसी वैद ने कहा कि पंजाब के विभिन्न कालेजों को जिले के अनुसार बांटा जाए। हर जिले में एक मुख्य सेंटर बने। इस सेंटर की जिम्मेदारी चार-पांच कालेजों के प्राचार्यों को दी जाए। परीक्षा लेने और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी भी इसी सेंटर की हो। सीनेट सदस्य गोपाल कृष्ण चतरथ ने कहा कि पीयू को अपने रीजनल सेंटर्स का लाभ उठाना चाहिए और उसे मजबूत करना चाहिए। इस पर कुलपति ने कालेजों को इस संबंध में अपने सुझाव सीनेट सदस्य प्रो.एसके शर्मा को देने को कहा। उसके बाद यह विचार सीनेट की बैठक में लाया जाएगा। सीनेट की मुहर लगने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
ध्यान रहे कि पीयू से संबद्ध कालेजों की संख्या पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ी है। कालेजों के साथ साथ नए कोर्स शुरू होने से पीयू की परीक्षा शाखा पर दबाव बढ़ रहा है, जबकि पीयू की परीक्षा शाखा में कर्मचारियों की संख्या लगातार कम हो रही है।

पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) और कालेजों में पढ़ाई बीच में छोड़ चुके छात्रों को अब अपनी पढ़ाई पूरी करने का मौका मिलेगा। पीयू के सीनेट सदस्य डा. गुरमीत सिंह के इस प्रस्ताव पर सीनेट ने फैसला लिया है कि किसी वजह से जिन छात्रों की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है वह अब यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (यूएसओएल) से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता है।

पीयू या कालेज में दाखिले के दौरान यदि कोई छात्र किसी भी तरह की जानकारी को छिपाता है तो उसे पांच हजार रुपये जुर्माना देना पड़ेगा। पीयू सीनेट बैठक में जुर्माना ५०० रुपये लेने का प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन इसे ५०० की जगह ५ हजार करने का फैसला लिया गया। यदि दाखिले के दौरान कोई छात्र यह छिपाता है कि उस पर आपराधिक मामला दर्ज है या उसे किसी यूनिवर्सिटी ने परीक्षा में बैठने पर रोक लगाई है तो उसे पकड़े जाने पर पांच हजार जुर्माना देना पड़ेगा(अमर उजाला,चंडीगढ़,12.10.2010)।

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