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14 अक्तूबर 2010

चंडीगढ़ः पुलिस ने बनाया जाली रिकार्ड

फायर ब्रिगेड महकमे में हुए भर्ती घोटाले में यूटी पुलिस के फंसने के आसार बन गए हैं। हालांकि कसूर पूरा पुलिस का नहीं है, यह करा कराया मोटी कमाई करने वाले कथित अधिकारियों का है, लेकिन परिक्षार्थियों की रिकार्डिग पुलिस की देखरेख में हुई है। सीबीआई को मिली शिकायत के मुताबिक शारीरिक परीक्षण में 7 ऐसे ड्राइवर व फायरमैन भर्ती कर लिए गए, जो कि शारीरिक फिटनेस के लिहाज से आउट हैं। सीधे-सीधे जांच की जाए तो इन नए रिक्रूटों की चेस्ट मपाई ही योग्यता के लिहाज से कम है। सीबीआई की टीम ने वीरवार को निगम मुख्यालय व फायर महकमे के तीन मुलाजिमों लीड फायरमैन व दो अन्यों से पूछताछ की, यह भर्ती की प्रक्रिया से भी जुड़े थे।

चेस्ट नंबर बदले, चेहरा नहीं दिखाया
सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि गंभीर आरोप हैं कि ड्राइवर पद के लिए शारीरिक परीक्षण की प्रक्रिया में अमुक आवेदनकर्ता का चेस्ट नंबर और कपड़े दूसरे को पहनाकर उसकी कैमरा कवरेज कर ली गई, जबकि कपड़े व चेस्ट नंबर लगाने वाला वास्तविक नहीं कोई दूसरा फिट आवेदक दिखाया गया है।
होमगार्ड को आती नहीं एचटीवी ड्राइविंग
फायर ब्रिगेड में भर्ती किए गए ड्राइवरों में पुलिस लाइंस में कच्चे पक्के पर तौर पर लगे एक ड्राइवर को पास कर दिया गया, जबकि उक्त ड्राइवर को हैवी व्हीकल चलाने का कोई तजुर्बा ही नहीं है। भला वह फायर टेंडर को कैसे तेज गति से दौड़ाकर घटनास्थल पर पहुंचेगा। भर्ती किए कुछ दूसरे ड्राइवरों का हाल भी ऐसा ही है।

पुलिस ने पैसे भी लिए, काम भी अधूरा
फायर ब्रिगेड महकमे में ड्राइवरों और फायरमैन की भर्ती में शारीरिक परीक्षण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए पुलिस ने मेहनताना भी लिया और काम भी निष्पक्षता से नहीं पूरा किया, शिकायत की मानें तो सीबीआई के पास यही सूचनाएं पहुंची हैं। आवेदकों का शारीरिक परीक्षण पुलिस लाइंस, सेक्टर-26 के आरटीसी में हुआ था

तत्कालीन आला अफसरों पर उंगली
नगर निगम के तत्कालीन आला अफसरों पर उंगली उठाते हुए कहा गया कि भर्ती में अदालत के आदेश से भी खेला गया बिना किसी तैयारी के बदली के एक दिन पहले ही भर्ती हुए मुलाजिमों की सूची जारी कर दी गई। इस प्रकरण में डीआईजी महेश अग्रवाल का कहना है कि शिकायतों पर गौर किया गया है और जांच प्रक्रियाएं शुरू कर दी हैं(दैनिक जागरण संवाददाता,चंडीगढ़,14.10.2010)।

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