पदोन्नति के लिए 26 साल से भटक रहे जगदीप राज सिंह को आखिरकार हाईकोर्ट से भी राहत मिल गई है। स्वास्थ्य रिकार्ड विभाग में काम करने वाले इस कर्मचारी की पदोन्नति अब निगम को करनी ही होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रथम परीक्षा सर्टिफिकेट दसवीं के बराबर होता है। इसलिए इस आधार पर पदोन्नति नहीं रोकी जा सकती कि उसने दसवीं नहीं कर रखी है।
हाईकोर्ट ने निगम की उस अपील को खारिज कर दिया है, जो उसने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर की थी। निचली अदालत ने भी निगम से कहा था कि प्रथम परीक्षा सर्टिफिकेट दसवीं के बराबर है। इसलिए जगदीप राज सिंह को पदोन्नति दी जाए।
जगदीप राज सिंह ने 1966 में हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, उत्तर प्रदेश से प्रथम परीक्षा सर्टिफिकेट पास की थी। नवंबर 1975 में उसे निगम के स्वास्थ्य रिकार्ड विभाग में बतौर सेवक नियुक्त किया गया था। 1984 में निगम ने स्वास्थ्य रिकार्ड क्लर्क के छह पद निकाले, लेकिन उसे यह कहते हुए पदोन्नति देने से इनकार कर दिया कि उसने दसवीं पास नहीं कर रखी है। उसके बाद उसने कोर्ट में अर्जी दायर की थी(दैनिक जागरण संवाददाता,दिल्ली,14.10.2010)।
बहुत अच्छी प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंश्री दुर्गाष्टमी की बधाई !!!