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11 नवंबर 2010

आईआईटी : दाखिले में नहीं जुड़ेंगे 12वीं के अंक

केन्द्र सरकार ने  स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थाओं (आईआईटी) में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा के अंक को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। बुधवार को लोक सभा में एम के राघवन के प्रश्न के लिखित उत्तर में मानव संसाधान विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, देश के विभिन्न आईआईटी में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा के अंकों को शामिल करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। गौरतलब है कि आई आई टी संचालन परिषद ने कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने के लिए आई आई टी के प्रवेश में 12वीं के अंक को जोड़ने की सिफारिश की थी। परिषद के इस फैसले पर बिहार समेत कई अन्य राज्यों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कपिल सिब्बल को इसके विरोध में पत्र भी लिखा था। यह राय जाहिर की जा रही थी कि परिषद का यह निर्णय निश्चित तौर पर बिहारी छात्रों को आई आई टी की दौड़ से बाहर करने की एक साजिश है । इसके पीछे यह दलील दी जा रही थी कि बिहार बोर्ड में 12वीं की परीक्षा में अन्य बोर्डों की अपेक्षा कम अंक आते हैं । सिब्बल ने यह जानकारी भी दी कि भारतीय स्कूल शिक्षा बोर्ड परिषद (सीओबीएसई) ने उच्चत्तर माध्यमिक स्तर पर वणिज्य में कोर पाठ्यक्रम सामग्री तैयार कर ली है।


सिब्बल के फैसले से बिहार के छात्रों में खुशी
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के ताजा फैसले से बिहार के छात्र खुश है। आईआईटी के दाखिले में बारहवीं के अंक नहीं जोड़े जाने के फैसले को वे बिहार की जीत मान रहे हैं । मतलब आईआईटी प्रवेश परीक्षा पुराने तर्ज पर ही होगी। भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की यह तैयारी थी कि आईआईटी की परीक्षा में बारहवीं के 70 फीसदी अंक को वेटेज दिया जाएगा। बिहार बोर्ड से 70 फीसदी अंक प्राप्त करने वालों छात्रों की संख्या महज दो फीसदी के आसपास है । कपिल सिब्बल के यू-टर्न को राज्य बोर्डों की जीत के रूप में देखा जा रहा है । इस फैसले पर गणितज्ञ आनंद कुमार कहते हैं यह गरीब और ग्रामीण छात्रों के हक में है । हम शुरू से ही इसका विरोध कर रहे थे। मेरा कपिल सिब्बल से अनुरोध है कि यदि छात्रों को तीन मौके दिए जाएं तो इससे कमजोर तबके के छात्रों का आईआईटी में हस्तक्षेप बढ़ेगा(हिंदुस्तान,पटना,11.11.2010)।

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