महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के तीन मुख्य प्रभाग शिक्षा, शोध व प्रसार शिक्षक और कर्मचारियों के टोटे का सामना कर रहे हैं। हाल यह है कि विश्वविद्यालय में महज तीन प्रोफेसर हैं। नॉन प्लान के तहत शैक्षणिक व शैक्षणेत्तर के कुल स्वीकृत 1484 पद में से 500 पद रिक्त हैं।
कैसे हो शोध
शोध विभाग भी स्टाफ की कमी से जूझ रहा है, जिसकी वजह से कई बार शोध कार्य में समय ज्यादा लग जाता है। इस विभाग के लिए शोध व शिक्षा के लिए 125 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 98 पद रिक्त हैं।
गेस्ट फेकल्टी के भरोसे
विश्वविद्यालय को रिक्त पद भरने के लिए के लिए सरकार से अनुमति नहीं मिल रही है। इसलिए कॉलेजों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की रिक्त पदों पर गेस्ट फेकल्टी और रिसर्च स्कॉलर लगा रखा है। जाहिर है कि गेस्ट फेकल्टी और रिसर्च स्कॉलर के पास इन प्रोफेसर की तुलना अनुभव कम है(राजस्थान पत्रिका,उदयपुर,16.11.2010)।
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