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09 नवंबर 2010

राजस्थानःखाली रह गईं बीएड की 15 प्रतिशत सीटें

पीटीईटी 2010 की तीसरी काउंसलिंग नहीं होने से कई अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का सपना टूट गया। राज्य के बीएड कॉलेजों में 15 प्रतिशत सीटें खाली रह गईं और 13 हजार 508 अभ्यर्थी इस बार बीएड में प्रवेश से वंचित रह गए। यहीं नहीं, सीटें खाली रहने से बीएड कॉलेजों को 30 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर भी संकट खड़ा होने की स्थिति पैदा हो गई है।

जयनारायण व्यास विवि जोधपुर की ओर से हुई पीटीईटी में इस बार केवल दो काउंसलिंग की गई है। पीटीईटी के माध्यम से राज्य के 778 कॉलेजों में करीब 90 हजार सीटें भरनी थीं, लेकिन दो काउंसलिंग के बाद 13 हजार 508 सीटें खाली रह गईं। अब सरकार ने तीसरी काउंसलिंग पर रोक लगा दी है। इससे उन अभ्यर्थियों को झटका लगा है, जो तीसरी काउंसलिंग में चयन को लेकर आश्वस्त थे। ऐसे अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर इस बार वे बीएड कर लेते तो अगले साल तक राज्य सरकार की ओर से खुलने वाली शिक्षक भर्ती के लिए पात्र हो जाते। उधर, अचानक तीसरी काउंसलिंग पर रोक लगने से बीएड कॉलेज संचालक सकते में हैं। उन्होंने पीटीईटी को पत्र लिखकर तीसरी काउंसलिंग शुरू करने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने अनुमति नहीं दी।

बीएड कॉलेज होंगे आर्थिक संकट में : उत्तर क्षेत्रीय शिक्षक प्रशिक्षण विकास संस्थान के अध्यक्ष तेज सिंह राठौड़ का कहना है कि बीएड कॉलेजों में सीटें रिक्त रहने से उन्हें 30 करोड़ से अधिक का नुकसान झेलना पड़ेगा। सरकार अगर तीसरी काउंसलिंग नहीं कराती है तो हमें सीधे प्रवेश की अनुमति दी जाए।


राजस्थान यूनिवर्सिटी ने शुरू की री-इंस्पैक्शन की कार्रवाई
राजस्थान यूनिवर्सिटी ने सांगानेर, नेवटा स्थित जसवाल डिग्री कॉलेज का दोबारा से इंस्पैक्शन कराने का निर्णय किया है। यूनिवर्सिटी के उपकुल सचिव एन.एन. गुप्ता ने बताया कि भास्कर में प्रकाशित समाचार के आधार पर कॉलेज का दोबारा इंस्पैक्शन कराया जाएगा, अनियमितताएं मिलीं तो मान्यता नहीं दी जाएगी।

यह था मामला : कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.एल. शर्मा ने कॉलेज शिक्षा आयुक्त को शिकायत की थी कि कॉलेज में अनियमितताएं हो रही हैं। संचालक ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर कॉलेज खोलने के लिए एनओसी प्राप्त कर ली है। कॉलेज संचालकों ने स्कूल के दो कमरों में ही कॉलेज खोल दिया। स्कूल और कॉलेज का संचालन एक समय पर दो कमरों में हो रहा है।

राज्य सरकार से रिक्त सीटों के लिए पत्र भेजकर दिशा—निर्देश मांगे गए थे, लेकिन सत्र में देरी के मद्देनजर सरकार ने तीसरी काउंसलिंग की अनुमति नहीं दी।

-ए.के. मलिक, समन्वयक, पीटीईटी(दैनिक भास्कर,जयपुर,9.11.2010)

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