गुरु गोविंद सिंह इंदप्रस्थ यूनिवर्सिटी (आईपी) ने अपनी ऐडमिशन पॉलिसी में बड़े बदलाव किए हैं, जिनका फायदा 2011 सेशन में अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स को होगा। कई कोर्सेज में अलग-अलग होने वाले एंट्रेंस टेस्ट के प्रोसेस में बदलाव करके जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट करने का फैसला लिया गया है। साथ ही कुछ एंट्रेंस टेस्ट भी खत्म किए गए हैं। यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अगले साल की ऐडमिशन पॉलिसी तैयार करते वक्त स्टूडेंट्स की सहूलियत को ध्यान में रखा गया है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. दिलीप के. बंदोपाध्याय के मुताबिक एग्जाम सेंटरों की खास निगरानी के लिए स्पेशल फ्लाइंग स्क्वॉड बनाया जाएगा और यूनिवसिर्टी की टीम सेंटरों पर जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐप्लिकेशन फॉर्म को बिल्कुल नया रूप दिया गया है। अब हर फॉर्म पर स्टूडेंट की बड़ी तस्वीर के साथ- साथ अंगूठे का निशान भी लिया जाएगा। आईपी की करीब 20 हजार सीटों के लिए डेढ़ लाख से अधिक आवेदन आते हैं।
एमबीए पार्ट टाइम कोर्स में एंट्रेंस टेस्ट खत्म
यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि नई पॉलिसी के तहत एमबीए (पार्ट टाइम) कोर्स में ऐडमिशन के लिए अगले साल से एंट्रेंस टेस्ट नहीं होगा। मेरिट के बेस पर स्टूडेंट्स को ऐडमिशन मिलेगा। अभी तक एमबीए के सभी कोर्सेज में ऐडमिशन कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) के जरिए होता था लेकिन अब पार्ट टाइम एमबीए में स्टूडेंट्स को टेस्ट नहीं देना होगा।
एमटेक के लिए भी टेस्ट नहीं
यूनिवर्सिटी ने तय किया है कि एमटेक के सभी कोर्सेज में ऐडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी अगले साल से अपना एंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट नहीं करेगी। एमटेक में अब दो तरीके से ऐडमिशन होगा। प्रो. सिंह के मुताबिक ग्रैजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) में बैठने वाले स्टूडेंट्स आईपी यूनिवसिर्टी के एमटेक कोसेर्ज में ऐडमिशन के लिए अप्लाई कर सकेंगे साथ ही मेरिट के बेस पर भी ऐडमिशन होगा। लेकिन प्राथमिकता गेट रैंक होल्डरों को मिलेगी।
जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट
अभी तक बीफॉर्मा, बीएचएमएस (होम्योपैथिक मेडिसिन), बीपीटी (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी)/ बीओटी (बैचलर ऑफ ऑक्युपेशनल थेरेपी) / बीएससी (एमएलटी- मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नॉलजी) कोसेर्ज में ऐडमिशन के लिए तीन एंट्रेंस टेस्ट होते थे और स्टूडेंट्स को तीन दिन टेस्ट देने के लिए आना पड़ता था। अगले साल से इन सभी कोसेर्ज में ऐडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट करेगी। यूनिवर्सिटी का कहना है कि स्टूडेंट्स इन सभी कोसेर्ज में अप्लाई करते थे और इन कोसेर्ज में एंट्रेंस टेस्ट का सिलेबस भी एक जैसा था। फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉयोलजी सिलेबस के हिस्सा थे। यही कारण है कि जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट करने का फैसला किया गया है।
चार नए सेंटर
यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए पूरे देश में एग्जाम सेंटर बनाती है। इस बार चार नए सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें शिमला, देहरादून, हिसार और मुरादाबाद शामिल हैं। पुराने सेंटर दिल्ली, बेंगलुरु, भोपाल, चंडीगढ़, जयपुर, जालंधर, कोलकाता, लखनऊ व नागपुर बरकरार रहेंगे। यूनिवर्सिटी एमबीबीएस, बीटेक, एमबीए और एमसीए कोर्सेज के लिए दिल्ली के बाहर सेंटरों पर एग्जाम कंडक्ट करती है जबकि बाकी कोर्सेज का एंट्रेंस टेस्ट दिल्ली में ही होता है(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,9.11.2010)।
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