दागी वकीलों के खिलाफ शुरू हुई जांच गति पकड़ने लगी है। इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ के निर्देश पर आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (सीबीसीआइडी) ने दागी वकीलों के 15 मामलों की जांच करने का निर्णय किया है। दागी वकीलों के 11 मामलों की जांच कर रही सीबीआइ वकीलों की काली कमाई का ब्योरा एकत्र करने में जुटी है। उसने इस बाबत आयकर विभाग से भी जानकारी चाही है। इस पर आयकर विभाग ने कुछ वकीलों को नोटिस भी जारी की है।
हाइकोर्ट ने 28 अक्टूबर को सिविल कोर्ट के दागी वकीलों के खिलाफ सीबीआइ व अन्य एजेंसियों को जांच का जिम्मा सौंप कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। हाइकोर्ट ने लखनऊ जिला कचेहरी के 243 वकीलों के खिलाफ दर्ज 330 मुकदमों के आधार पर आदेश दिया था। इस आधार पर सीबीआइ ने दागी वकीलों के 11 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की। दागी वकीलों के शेष मामलों की विवेचना अन्य जांच एजेंसियों को सौंपने के सरकार ने डीजीपी को निर्देश दिये थे। इसके तहत अब दागी वकीलों के 15 मामलों की जांच सीबीसीआइडी करेगी। जल्दी ही शासन इस बाबत आदेश भी जारी कर देगा। उल्लेखनीय है 29 नवम्बर को हाइकोर्ट को बताया जाना है कि सीबीसीआइडी किन 15 मामलों की जांच करेगी।
उधर, सीबीआइ दागी वकीलों की जांच में दो दर्जन से अधिक वकीलों से पूछताछ कर चुकी है। उनके द्वारा दी गयी जानकारी की सत्यता का पता लगाया जा रहा है। सीबीआइ की सात टीमें इन वकीलों की अर्जित सम्पत्ति की जानकारी भी जुटा रही हैं। इनमें से कुछ के खिलाफ भूमि कब्जा करने के भी आरोप हैं, जिनके बारे में दस्तावेजी साक्ष्य जुटाये जा रहे हैं। सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि जांच में मिलने वाले सुबूतों को न्यायालय के संज्ञान में लाकर आरोपी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,19.11.2010)।
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