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30 नवंबर 2010

बिहारःअरबी फारसी विवि का पहला दीक्षांत समारोह 22 को

अलीगढ़ विवि के प्रो. अब्दुल बारी ने कहा कि बिहार में अरबी भाषा और साहित्य का इतिहास गौरवशाली रहा है। पटना विवि के अरबी विभाग के तत्वावधान सोमवार को 'बिहार में अरबी भाषा और साहित्य का विकास' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो. बारी ने कहा कि अरबी साहित्य, पत्रकारिता, काव्य और इतिहास के लेखन में बिहार के योगदान को राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर सराहा जाता है।

पटना विवि के कुलपति डा. श्यामलाल ने कहा कि नौकरी उपलब्ध कराने के मामले में अरबी अंग्रेजी के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी भाषा है। प्रति कुलपति डा. एस आई अहसन ने कहा कि अरबी दुनिया की अहमतरीन जबान है, जिसे अरब में दस साल रहते हुए सीखने की कोशिश की लेकिन बड़ी मुश्किल से कामयाबी हासिल कर सका। उन्होंने कहा कि अरबी दुनिया के 55 देशों में बोली जाती है मगर सभी देशों में समझी जाती है। इससे पहले विभाग के अध्यक्ष डा. शम्सुज्जोहा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अरबी भाषा के विकास में बिहार के योगदान पर विस्तृत चर्चा की।उधर,मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विवि का पहला दीक्षांत समारोह 22 दिसम्बर को होगा। विवि हेड एंड नेक आनकोलाजी, एनिमल एक्सप्रीमेंटेशन, मालेक्यूलर एंड बायोकेमिकल जेनेटिक्स एवं नैनो टेक्नोलाजी का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करेगा। सोमवार को कुलपति प्रो. कमर अहसन की अध्यक्षता में हुई सिंडिकेट की बैठक में उक्त निर्णय लिये गये।
दीक्षांत समारोह में बैचलर आफ लाइब्रेरी साइंस एवं डिप्लोमा के विद्यार्थी सम्मानित किये जायेंगे(दैनिक जागरण,पटना,30.11.2010)।

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