एडमिशन माफिया ने एक वकील को उनके बेटे के एडमिशन के नाम पर 2.5 लाख रुपये का चूना लगा दिया। वकील को अपने जाल में फांसने के लिए माफिया ने एक नामी कॉलेज में उनके बेटे का इंटरव्यू तक करा दिया। यह इंटरव्यू एक फर्जी प्रोफेसर ने लिया। जब वकील को अपने साथ धोखाधड़ी का पता चला तो उन्होंने एडमिशन एजेंट से रुपये वापस मांगे। इस पर आरोपियों ने उनके घर पर पहुंच कर जान से मारने की धमकी दे डाली और खुद को पश्चिम का डॉन बताया। आरोपियों ने कहा कि यहां उनका पूरा गिरोह काम कर रहा है।
यहां के अल्फा-2 सेक्टर में रहने वाले एडवोकेट श्रीमोहन शर्मा के बेटे मयंक ने इस साल यूपीटीयू का एंट्रेंस टेस्ट दिया था। उसने एडमिशन के लिए काउंसलिंग के दौरान ग्रेटर नोएडा के 4 कॉलेजों का विकल्प भरा था। इस दौरान मयंक के एक साथी मृदुल ने वकील को बताया कि यहां का एनआईईटी बेस्ट कॉलेज है और उसका प्लेसमेंट भी बेहतर है। वह मयंक का एडमिशन इस कॉलेज में करा सकता है। मृदुल से पहले से जान पहचान की वजह से वकील उसकी बातों में फंस गए। उन्होंने मयंक के एडमिशन के लिए हां कर दी।
मृदुल ने बीटा-2 सेक्टर में रहने वाले राहुल और उसके साथी अनुपम गौड़ से मोहन शर्मा को मिलवा दिया। अनुपम अलीगढ़ के एक एक्स एमएलए के भतीजे बताए जा रहे हैं। एडवोकेट ने 12 अगस्त को राहुल और अनुपम को एडमिशन के लिए करीब 2.5 लाख रुपये दे दिए। मजेदार बात यह है कि आरोपियों ने श्रीवास्तव सर के नाम से एक फर्जी प्रोफेसर बनाकर एनआईईटी में मयंक का इंटरव्यू भी करा दिया। मयंक का इंटरव्यू कई बार कराया गया। आरोपी काफी दिनों तक श्रीमोहन शर्मा को बेटे के एडमिशन का भरोसा दिलाते रहे, लेकिन उन्होंने अक्टूबर में एडमिशन होने से इनकार कर दिया।
उसके बाद श्रीमोहन शर्मा को खुद के ठगे जाने का अहसास हुआ। कॉलेज में जाकर मालूम किया गया तो पता चला कि वहां श्रीवास्तव नाम से कोई फैकल्टी नहीं हैं और उनके बेटे का इंटरव्यू नहीं हुआ है। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि मयंक के नाम से कॉलेज में कोई फीस भी जमा नहीं हुई है। इस पर श्रीमोहन शर्मा ने आरोपियों से रुपये मांगने शुरू कर दिए। बाद में एक मध्यस्थ के जरिए आरोपियों ने पीडि़त को करीब 40 हजार रुपये लौटाए। बाकी के रुपये मांगने पर आरोपी 2 दिन पहले श्रीमोहन शर्मा के घर पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने श्रीमोहन शर्मा और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दे डाली। उन्होंने खुद को पश्चिम का डॉन बताया और कहा कि उनका पूरा गिरोह चल रहा है। वह यही काम करते हैं। कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। अब पीडि़त ने कासना पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। अभी तक आरोपियों को अरेस्ट नहीं किया जा सका है(श्यामवीर चावड़ा,नवभारत टाइम्स,ग्रेटर नोएडा,30.11.2010)।
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