राज्य सरकार स्टाफ नर्सेस की भर्ती के विवादों में फंसने लगी है। सरकार द्वारा नर्सेस के खाली 1,618 पदों की भर्ती के लिए मेल नर्सेस को भर्ती प्रक्रिया से बाहर करना इसकी वजह है। भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आधा दर्जन मेल नर्सो ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर कोर्ट में सुनवाई होना बाकी है।
वहीं मेल नर्सेस के हाईकोर्ट जाने के साथ ही राज्य सरकार ने सभी मेल नर्सेस को काउंसिलिंग के लिए आवेदन करने में छूट दे दी है। मेल नर्सेस ने कोर्ट से स्टाफ नर्सेस भर्ती प्रक्रिया नए सिरे से कराने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने प्रदेश के बाहर के नर्सेस को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने की सशर्त अनुमति दे दी है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 25 जिलों के सरकारी अस्पतालों के लिए 1,618 स्टाफ नर्सेस की भर्ती होनी है। जिसके लिए उम्मीदवारों को 4 दिसंबर तक आवेदन करने का समय दिया गया है। इन उम्मीदवारों के आवेदन पत्रों की छंटनी के साथ ही 13 दिसंबर से काउंसिलिंग कर सभी के नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।
मप्र में पंजीयन जरूरी
स्टाफ नर्स भर्ती प्रक्रिया में बाहरी राज्यों के वे उम्मीदवार ही शामिल हो सकेंगे, जिनका पंजीयन मध्यप्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल में होगा। बाहरी राज्यों की नर्सो को भर्ती प्रकिया में शामिल करने की वजह स्टाफ नर्स के सभी रिक्त पदों को भरना बताया जा रहा है।
एक नजर में भर्ती प्रक्रिया
25 जिलों के सरकारी अस्पतालों में होनी है भर्ती ।
1618 स्टाफ नर्सेस की भर्ती होना है।
प्रदेश के 25 जिलों के लिए 1,618 स्टाफ नर्सेस की भर्ती होनी है। मेल नर्स और राज्य के बाहर के उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं। सभी की नियुक्तियां काउंसिलिंग के बाद की जाएंगी।
डॉ. एसके मीना, संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवा (नर्सिग)(दैनिक भास्कर,भोपाल,30.11.2010)
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