मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा में आयु सीमा को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। आयोग ने उम्मीदवार की आयु सीमा 38 से घटाकर 35 कर दी है, वहीं उम्मीदवारों का कहना है कि इस साल भी आयु सीमा 38 साल ही होना चाहिए। ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 15 नवंबर है और उम्मीदवार पूरे मामले पर उच्च न्यायालय की शरण लेने की तैयारी कर रहे हैं।
11 अक्टूबर 10 को प्रकाशित हुए राज्य सेवा परीक्षा के एक विज्ञापन ने छात्रों को दुविधा में डाल दिया है। इस विज्ञापन में आयु सीमा में छूट का उल्लेख नहीं किया गया है। छात्रों का तर्क है कि 22 फरवरी 2008 में मंत्रीपरिषद ने फैसला लिया था कि 2008-09 और 2009-10 की परीक्षा के लिए आयु सीमा में 3 साल की छूट दी जाएगी। छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा के लिए भी उन्हें छूट मिलनी चाहिए।
मप्र राज्य सेवा परीक्षा नियम 2008 की धारा 3(1) के अनुसार एमपी पीएससी हर साल अयोजित करना अनिवार्य है। बावजूद इसके वर्ष 2001, 2002, 2004, 2006 और 2007 में परीक्षा आयोजित नहीं की गई। अन्य राज्यों जैसे राजस्थान, बिहार, झारखंड आदि में परीक्षा प्रतिवर्ष न होने पर आयु सीमा में छूट दी जाती है। इस तरह मप्र में 2010 में होने वाली परीक्षा छात्रों के लिए 2005 के तुल्य है।
छात्र उत्पेंद्र श्रीवास्तव बताते हैं कि इस विवाद से करीब 50 हजार छात्र प्रभावित हो रहे हैं। छात्रों ने मप्र सरकार से अपील की है कि आयु सीमा कम की जाए। करीब 20 छात्र सोमवार को पूरे मामले में उच्च न्यायालय की शरण लेंगे।
उम्मीदवार सुभाष द्विवेदी बताते हैं कि लोक सेवा आयोग परीक्षा का विज्ञापन संबंधित वर्ष के लिए निकलता है। आयोग कभी भी परीक्षा विज्ञापन राज्य सेवा परीक्षा 2008-09 के रूप में प्रकाशित नहीं करता, क्योंकि परीक्षा वित्तीय वर्ष के हिसाब से नहीं होती। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र में 2010 का भी उल्लेख है, ऐसे में इस साल भी आयु सीमा में छूट मिलना चाहिए।
इस पूरे मामले में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से कोई बात करने को तैयार नहीं।
छात्रों की मांग जायज नहीं है। आयोग ने विज्ञापन सही प्रकाशित किया है। आयु सीमा दो साल के लिए कम की गई थी। अब आयु सीमा में संशोधन कर सवाल ही नहीं उठता-निर्मल उपाध्याय,उपसचिव, मप्र लोक सेवा आयोग(दैनिक भास्कर,भोपाल,14.11.2010)
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