राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता की मांग को लेकर शनिवार को मातृभाषा राजस्थानी छात्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्र संघ कार्यालय के उद्घाटन समारोह में आए केन्द्रीय पंचायतीराज मंत्री सीपी जोशी सहित अन्य नेताओं का ध्यान आकृष्ट किया।
उन्होंने इन नेताओं के सम्बोधन के दौरान राजस्थानी भाषा की मान्यता की मांग का बैनर दिखाकर ध्यान आकृष्ट किया। हालांकि बैनर दिखाने के कुछ देर में ही वहां मौजूद एनएसयूआई के एक कार्यकर्ता ने मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता सतपालसिंह जांगिड़ के हाथ से बैनर छीन लिया और पुलिस अधिकारियों को दे दिया। जांगिड़ ने बताया कि हमारा प्रयास जनप्रतिनिधियों का इस मामले की ओर ध्यान आकर्षित करना था, जो पूरा हो गया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने पाली जाते समय एअरपोर्ट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व केन्द्रीय मंत्री सीपी जोशी को मान्यता की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपें।
इसमें संसद के चालू सत्र में राजस्थानी भाषा के मान्यता संबंधी प्रस्ताव पारित करने की मांग की। ज्ञापन में कहा कि एनसीईआरटी के शैक्षणिक सर्वे के बाद एनसीईआरटी ने भी राजस्थानी को मातृभाषा माना है। इसी तरह का ज्ञापन सांसद चन्द्रेश कुमारी को एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि विश्व की समृद्धतम भाषाओं में गिनी जाने वाली राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं कर आठ करोड़ राजस्थानियों की भावनाओं का अनादर किया गया है।
ज्ञापन में एनसीईआरटी के विद्यालयों में शैक्षणिक सर्वे में राजस्थानी का मातृभाषा मानने का हवाला देकर कहा गया है कि एनसीईआरटी ने राजस्थानी को मातृभाषा माना है। अब राज्य सरकार प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा का माध्यम राजस्थानी भाषा करें एवं प्रशासनिक कार्यो में भी राजस्थानी को समुचित महत्व दें। विश्वविद्यालयों में राजस्थानी विभागों का गठन करें(दैनिक भास्कर,जोधपुर,14.11.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।