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30 नवंबर 2010

यूपीःटीईटी सर्टिफिकेट 3 साल के लिए वैध होंगे

शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य के प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को राज्य सरकार की ओर से सर्टिफिकेट दिया जाएगा। टीईटी महज स्क्रीनिंग टेस्ट होगा और सिर्फ इसे उत्तीर्ण कर लेने भर से ही कोई अभ्यर्थी शिक्षक की नौकरी पाने का हकदार नहीं होगा। शिक्षक की नौकरी पाने के लिए टीईटी सर्टिफिकेट की वैधता तीन वर्ष की होगी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने टीईटी का प्रारूप तैयार कर लिया है। टीईटी सर्टिफिकेट में अभ्यर्थी का नाम, पता, जन्म तिथि, रजिस्ट्रेशन नंबर तथा सर्टिफिकेट प्रदान किये जाने का महीना/वर्ष अंकित होगा। सर्टिफिकेट इलेक्ट्रानिक प्रणाली से तैयार किया जाएगा। टीईटी के लिए राज्य सरकार अभ्यर्थियों से परीक्षा शुल्क लेगी जो 500 रुपये से अधिक न होगा। आरक्षित श्रेणियों को परीक्षा शुल्क में छूट दी जाएगी। टीईटी के लिए अभ्यर्थियों को दो श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। पहली श्रेणी उन अभ्यर्थियों की होगी जो कक्षा एक से पांच में शिक्षक नियुक्त होना चाहते हैं। दृसरी श्रेणी उन शिक्षकों की होगी जो कक्षा छह से आठ में बतौर शिक्षक नियुक्ति के इच्छुक हैं। प्रस्तावित प्रारूप के मुताबिक टीईटी में दो प्रश्नपत्र होंगे जो बहुविकल्पीय व वस्तुनिष्ठ होंगे। परीक्षा कम्प्यूटराइज्ड ओएमआर प्रणाली पर आधारित होगी। परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को दोनों प्रश्नपत्रों में न्यूनतम 50 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 45 फीसदी अंक प्राप्त करने होंगे। टीईटी का पहलाप्रश्नपत्र अभ्यर्थियों की भाषाई निपुणता, सामान्य ज्ञान और शैक्षिक अभिरुचि (एप्टीट्यूड) का मूल्यांकन करेगा। यह दोनों श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होगा। प्रथम प्रश्नपत्र में 40 सवाल भाषाई निपुणता, 30 जनरल मेंटल एबिलिटी, 40 सामान्य ज्ञान, 25 शैक्षिक जागरूकता और 15 टीचिंग एप्टीट्यूड के होंगे। टीईटी का दूसरा प्रश्नपत्र विषय ज्ञान पर आधारित होगा। यह कक्षा एक से पांच व कक्षा छह से आठ के शिक्षक नियुक्त होने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग होगा। कक्षा एक से पांच तक के शिक्षक बनने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए दूसरे प्रश्नपत्र में भाषा-प्रथम, भाषा-द्वितीय, गणित, सामाजिक विज्ञान और सामान्य विज्ञान में प्रत्येक के 30 प्रश्न होंगे। वहीं कक्षा छह से आठ तक के शिक्षक बनने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए विषय ज्ञान पर आधारित दूसरे प्रश्नपत्र में दो सेक्शन होंगे(राजीव दीक्षित,दैनिक जागरण,लखनऊ,30.11.2010)।

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