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30 नवंबर 2010

यूपीःसंविदाकर्मियों के विनियमितीकरण का रास्ता साफ।पूर्वोत्तर रेलवे में ग्रुप-डी पदों पर भर्ती होगी

स्थानीय निकायों में तैनात संविदाकर्मियों के विनियमितीकरण की मांग को लेकर नगर निगम मुख्यालय पर चल रहा आठ दिन से कर्मचारियों का धरना सोमवार को समाप्त हो गया। साथ ही स्वायत्त शासन कर्मचारियों ने मंगलवार से मार्ग प्रकाश व्यवस्था का कार्य सुचारू रूप से करने का निर्णय लिया है। हड़ताल के कारण होने वाले नुकसान का आकलन के बाद सोमवार की देर रात निदेशक स्थानीय निकाय रेखा गुप्ता, अपर नगर आयुक्त डीएस भदौरिया, अधिशासी अभियंता राजीव वाजपेयी समेत कई अधिकारियों ने हड़ताली कर्मचारी नेता से मुलाकात कर उनकी मांगों को पूरा करने का आश्र्वासन दिया। स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष ने बताया प्रमुख सचिव के निर्देश पर निदेशक ने संविदाकर्मियों को 120 रुपये मानदेय देने और संविदा कर्मियों को भर्ती करने में प्राथमिकता दिए जाने का आश्र्वासन दिया है। उन्होंने शासनादेश जारी करते हुए एक सप्ताह के अंदर नियमावली संशोधन करने का कर्मचारियों से वायदा किया है। महासंघ के अध्यक्ष ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता देने से संविदाकर्मियों के विनियमितीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा। महासंघ के प्रांतीय महामंत्री अशोक गोयल ने आमरण अनशन समाप्त करते हुए इसे कर्मचारियों की जीत कही है। धरने में राजधानी समेत, सहारनपुर, उन्नाव, हरदोई, फिरोजाबाद, कानपुर, इटावा, अलीगढ़, देवरिया, सीतापुर, कुशीनगर सहित कई जिलो से आये स्थानीय निकाय स्वायत्त कर्मचारियों ने हिस्सा लिया(दैनिक जागरण,लखनऊ,30.11.2010)।
उधर,आखिरकार रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे को ग्रुप डी की भर्ती शुरू करने के लिए हरी झण्डी दे दी है। इसके साथ ही एक बार फिर इस रेलवे में बड़े पैमाने पर रोजगार के दरवाजे खुल जायेंगे। अगर सबकुछ ठीकठाक रहा तो जल्द ही भर्ती प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी और नये युवा रेलवे की सेवा करते नजर आयेंगे। भर्ती प्रक्रिया क्यों बंद हुई इसके मुख्य कारणों का पता नहीं चल सका लेकिन विभागीय सूत्रों की माने तो रेलवे बोर्ड के अनुसार रेलवे में किसी भी विभाग में कम से कम स्नातक योग्यता वाले अभ्यर्थी ही रखे जाने का प्राविधान सुनिश्चित है। ग्रुप डी की भर्ती में आवेदकों की योग्यता कक्षा आठ पास रखी गयी थी। इसके अलावा भी इस प्रक्रिया में कई खामियां थी, जिसको रेलवे बोर्ड ने गंभीरता से लिया और निरस्त कर दिया। दूसरी तरफ भर्ती प्रक्रिया के बंद होने से लाखों आवेदक परेशान हो उठे। आलम यह है कि आज भी आवेदक मुख्य कार्मिक विभाग में भर्ती प्रक्रिया की जानकारी लेने पहुंच जाते हैं। मालूम हो कि वर्ष 2008 में रेलवे बोर्ड ने ग्रुप डी के लिए लगभग 4500 पद का सृजन किया। इसकी प्रक्रिया शुरू करने के लिए बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे को निर्देशित भी किया(दैनिक जागरण,गोरखपुर,30.11.2010)।

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