कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा से 15 दिन पहले मुझे पटना के रंजन के माध्यम से फर्जी परीक्षार्थी बनने का ऑफर दिया गया था। परीक्षा देने के चार हजार रुपये और पास होने पर 80 हजार का सौदा तय हुआ था।
चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल भर्ती के लिए रविवार को हुई लिखित परीक्षा में दूसरे की जगह पेपर देते हुए पकड़े गए बिहार के सतिंदर ने यह खुलासा किया है। सोमवार को अदालत परिसर में उसने बताया कि पटना के रंजन ने उसे पानीपत के भूपिंदर के माध्यम से चंडीगढ़ भेजा था। जब वह परीक्षा केंद्र पहुंचा तो भूपिंदर ने उसे राजेश का एडमिट कार्ड दिया। एडमिट कार्ड पर लगी फोटो काफी खराब थी। वह परीक्षा केंद्र तक पहुंच गया। लेकिन फिर पकड़ा गया। बीएससी पास सतिंदर ने बताया कि कोई नौकरी नहीं मिली तो पैसा कमाने का यह रास्ता चुन लिया।
पुलिस टीम हरियाणा रवाना
सोनीपत के सुनील, भिवानी के राजेश, महेंद्रगढ़ के जाकिर हुसैन, पानीपत के गुरबान व महेश और जगवीर की तलाश में हरियाणा के अलग अलग जिलों में चंडीगढ़ पुलिस की टीमें रवाना हो गई हैं। चंडीगढ़ पुलिस की भर्ती में इन कैंडिडेट्स ने अपनी जगह दूसरों को भेजा था।
दो पुलिस रिमांड पर, 19 को भेजा जेल
कांस्टेबल भर्ती में दूसरों की जगह पेपर देने और परीक्षा केंद्र में मोबाइल फोन लाने के 21 आरोपियों को सोमवार को जिला अदालत में पेश किया गया। अदालत ने भिवानी के शमशेर और बिहार के प्रदीप को दो दिन के रिमांड पर भेज दिया। अन्य को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, जिनमें एक युवती शामिल है।
परीक्षा केंद्रों के बाहर मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार चार युवकों में दिल्ली के राजेश, सोनीपत के संदीप और सोनू, पानीपत के संदीप को जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने इन युवकों पर आईपीसी की धारा 420 लगाई थी, जिसका विरोध किया गया। संदीप के वकील अनिल भारद्वाज ने कहा कि इन युवकों से परीक्षा केंद्र के बाहर ही मोबाइल जब्त कर लिए गए थे, ऐसे में धारा बनती ही नहीं।
नौकरी नहीं मिलेगी तो यही काम करेंगे
आरोपियों के परिजनों ने अदालत में कहा कि पढ़ लिखकर भी नौकरी नहीं मिलती तो युवाओं को मजबूरन यह रास्ता चुनना पड़ रहा है। हालांकि यह रास्ता गलत है(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,16.11.2010)।
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