बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2010 की तीसरी और अंतिम काउंसिलिंग में 480 अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित किए गए। इसके बावजूद 1005 अभ्यर्थियों के हाथ निराशा लगी। गुरुवार को भी दिन भर काउंसिलिंग केंद्र पर अभ्यर्थियों की भीड़ जमी रही। एहतियातन दो कंपनी पीएसी काउंसिलिंग केंद्र में सुरक्षा व्यवस्था के लिए मुस्तैदी से जुटी रही।
बीएड 2010 की तीसरे चरण की काउंसिलिंग में मंगलवार को हुए हंगामे के बाद बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच काउंसिलिंग प्रक्रिया संपन्न कराई गई। गुरुवार को चयनित अभ्यर्थियों को आवंटन पत्र दिए जाने थे। सुबह से ही प्रत्याशियों की भीड़ काउंसिलिंग केंद्र पर जुटने लगी थी। 480 चयनित अभ्यर्थियों की तुलना में 1005 अभ्यर्थियों को मायूस होना पड़ा।
कोआर्डीनेटर डा. संजय चौधरी ने व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए पहले चयनित अभ्यर्थियों को आवंटन पत्र सौंपे। इसके बाद शेष अभ्यर्थियों को रिजेक्शन लेटर और काउंसिलिंग के लिए जमा किए गए 5000 रुपए का बैंक ड्राफ्ट वापस करने की योजना बनाई।
हालांकि अभ्यर्थियों को दोपहर दो बजे का समय दिया गया था, लेकिन सुबह आठ बजे से ही काउंसिलिंग केंद्र पर पहुंचे अभ्यर्थियों ने सेंटर के अंदर घुसने के लिए शोर मचाना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे सीओ हरीपर्वत संजीव वाजपेई और कोआर्डीनेटर संजय चौधरी के समझाने पर बाद में अभ्यर्थी शांत हो गए। 202289 रैंक और उसके बाद के अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित नहीं किए जा सके। शाम पांच बजे तक अभ्यर्थियों को ड्राफ्ट वापस करने का सिलसिला जारी रहा।
न्यायालय के आदेश से बीएड कॉलेजों की शेष बची सीटों के लिए अब मैनेजमेंट कोटे से प्रवेश होगा। कोआर्डीनेटर संजय चौधरी के अनुसार अभ्यर्थी लखनऊ विवि के आदेश आने के बाद ही मैनेजमेंट कोटे से किसी कॉलेज में प्रवेश लें।
साइंस की 1500 सीटें फिर रह गईं खाली
तीसरी और अंतिम चरण की काउंसिलिंग के बाद भी साइंस की 1500 सीटें खाली रह गईं हैं। गौरतलब है कि 1208 कामर्स और कला विषय तथा 600 साइंस और एग्रीकल्चर की सीटों के लिए 2 लाख 50 हजार रैंक तक के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग की गई थी(दैनिक जागरण संवाददाता,आगरा,25.11.2010)।
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