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15 नवंबर 2010

सीबीएसईःबच्चों की बेहतरी की 4 कोशिशें

सभी स्कूलों में बनेंगे हेल्थ क्लब
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई)ने सभी स्कूलों को हैल्थ और वेलनेस क्लब खोलने को कहा है। इसके अलावा सीबीएसई ने स्कूलों को फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स की गतिविधियों को बढ़ावा देने की हिदायत भी स्कूलों को दी है। सीबीएसई ने कहा है कि कक्षा एक से दस तक हर कॉलेज में शारीरिक गतिविधियां या खेल का पीरिएड होना चाहिए। ग्यारहवीं से बारहवीं तक के छात्र हफ्ते में कमसे कम स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए सामुदायिक पीटी या खेल या योगा या शारीरिक गतिविधि के लिए दो पीरिएड दें। अगर स्कूलों के पास जगह की कमी है या पर्याप्त पीटी शिक्षक नहीं है तो वह इनडोर गतिविधियां जैसे कि एरोबिक्स, मेडिटेशन व आसन करा सकती है।

कांटीनुअस और कांप्रिहेंसिव इवाल्यूशन के तहत सीबीएसई छठवीं से आठवीं तक छात्रों का 13 गतिविधियों में से दो गतिविधियों के आधार पर चयन कर सकते हैं और नवीं व दसवीं के छात्रों का दी गई आठ गतिविधियों के आधार पर। सीबीएसई चेयरमैन विनीत जोशी ने कहा कि फिजिकल एजुकेशन और खेल बच्चों को स्वस्थ बनाए रखते हैं। ऐसे में प्राचार्य, शिक्षक और माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि इन गतिविधियों को बढ़ावा दें। इसके अलावा ये गतिविधियां बच्चे के एट्टीटयूड को बेहतर बनाने का काम भी करती है। 

नेत्रहीन बच्चों के लिए प्रश्नपत्र में मुश्किलें होंगी कम 
अब नेत्रहीन छात्रों के लिए कें द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई)ने प्रश्नपत्रों को आसान करने के लिए एक सुविधा प्रदान कर दी है।इससे इनछात्रों को परीक्षा के दौरान होने वाली परेशानी से निजात मिल सकती है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कहा है किअब इन छात्रों के लिए विज्ञान विषयों में भी अलग से प्रश्नपत्र बनाया जाएगा। सीबीएसई के एग्जामिनेशन कंट्रोलर एम.सी.शर्मा का कहना है कि इस बार से नेत्रहीन छात्रों की सुविधाओं को देखते हुए विज्ञान विषयों में भी उन्हें अलग प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि नेत्रहीन बच्चों को सीनियर स्तर पर इतिहास, अर्थशास्त्र और भूगोल जैसे विषयों में एकांतर प्रश्न प्रदान करने का प्रावधान है। ऐसे में हमने विज्ञान विषयों भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, बायोलॉजी और गणित में अलग से प्रश्नपत्र प्रदान करने का प्रबंध किया है। इनमें किसी तरहका विजुअल इनपुट नहीं होगा। यह 2011 की परीक्षा से प्रभावी होगा। 

दुर्लभ प्रजातियों के प्रयोगशाला में इस्तेमाल पर प्रतिबंध 
सीबीएसई ने दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजातियों के विच्छेदन पर प्रतिबंध लगा दिया है।बोर्ड ने सभी स्कूलों को आदेश दिया है कि अगर उनके यहां ऐसी प्रजातियों का प्रयोगशाला में विच्छेदन होता है तो उसे रोक दिया जाए। सीबीएसई ने कहाहै कि डाइरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट से उन्हें ये जानकारी प्राप्त हुई थी कि कुछ कॉलेजों में अवैध तरीके से दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजातियों का प्रयोग प्रयोगशाला में इस्तेमाल के लिए किया जा रहा है। 

समेटिव परीक्षा में बोर्ड-स्कूल का सिलेबस समान 
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने समेटिव असेसमेंट परीक्षा-2 को लेकर पैदा असमंजस की स्थिति को स्पष्ट कर दिया है। सीबीएसई ने ये पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है कि समेटिव असेसमेंट परीक्षा-2 में सीनियर सेकेंडरी स्कूल के वे छात्र बैठ सकते हैं जो कि सीबीएसई सिस्टम से अलग नहीं हैं। वहीं, सीबीएसई ने ये भी साफ कर दिया है कि अगर आपने कक्षा दस के बाद स्कूल बदल दिया है लेकिन बोर्ड में बदलाव नहीं किया है तो आपको बोर्ड द्वारा आयोजित कराई जा रही समेटिव असेसमेंट परीक्षा-2 में बैठने की आवश्यकता है। सीबीएसई ने ये भी कहा है कि छात्र चाहे बोर्ड द्वारा आयोजित समेटिव असेसमेंट परीक्षा-2 में बैठे या बोर्ड द्वारा आयोजित समेटिव असेसमेंट-2 परीक्षा में, दोनों ही स्थितियों में उसे बोर्ड द्वारा ही सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। यही नहीं, सिलेबस के बारे में भी बोर्ड का कहना है कि अमूमन छात्रों में इस बात का भ्रम होता है कि स्कूलों द्वारा ली जाने वाली और बोर्ड द्वारा ली जाने वाली समेटिव असेसमेंट परीक्षा के सिलेबस में फर्क होता है लेकिन सीबीएसई ने स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा में पूछे जाने के लिए दोनों के सिलेबस में किसी तरह का फर्क नहीं होगा। कुछ दिनों पहले सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों से दसवीं कर रहे उन छात्रों को बोर्ड ने राहत प्रदान की थी जिन्होंने दसवीं के बाद दूसरे बोर्ड से संबद्ध स्कूल में दाखिले के लिए परीक्षा फॉर्म में बोर्ड परिवर्तन का विकल्प चुनकर अलग से आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन कर रखा है(हिंदुस्तान,दिल्ली,15.11.2010)।

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