यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटर परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की तिथि बढ़ा दी है। नियमों में आंशिक संशोधन करते हुए ग्रामीण क्षेत्र के 500 से अधिक छात्राओं वाले कालेजों को स्वकेंद्र की सुविधा दे दी है।
बोर्ड ने इस बार केंद्र निर्धारण नियमों में व्यापक फेर बदल किये थे। पहली बार डिबार सूची में शामिल राजकीय व अनुदान सूची के कालेजों को भी केंद्र बनाकर वहां के केंद्राध्यक्ष व स्टाफ को बदलने का फैसला किया गया। अनुदान सूची के कालेजों के केंद्र बनाने के बाद यदि जरूरत हुई तो संसाधन युक्त स्वच्छ छवि वाले स्ववित्तपोषी कालेजों को केंद्र बनाया जायेगा। यह भी नीति बनी कि पहले धारण क्षमता के अनुसार अनुदानित कालेजों को परीक्षार्थी दिये जायेंगे। बाद में स्ववित्तपोषी कालेजों को। ग्रामीण क्षेत्र में केंद्र होने की स्थिति में यदि किसी कालेज में 500 से अधिक छात्राएं हैं तो 500 को रोक कर शेष छात्राओं को दूसरे केंद्रों पर भेजा जायेगा। उक्त को लेकर प्रदेश के कई कालेज प्रबंधकों ने आपत्ति उठाई थी। उनका तर्क था कि एक ही कालेज की कुछ छात्राओं को स्वकेंद्र व कुछ को दूसरे केंद्रों पर भेजना उचित नहीं है। उन्होंने बोर्ड को मामला कोर्ट ले जाने की भी चेतावनी दी थी। अंतत: बोर्ड ने तय किया कि 500 से अधिक छात्राएं होने पर भी सभी छात्राओं को स्वकेंद्र की सुविधा मिलेगी।
उक्त फैसले से प्रदेश में लगभग 150 केंद्र प्रभावित हो रहे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षकों को परीक्षार्थियों का आवंटन चार्ट फिर से तैयार करना होगा। उधर जिन छात्र छात्राओं के केंद्र ज्यादा दूर हैं, उनको निकटतम केंद्र पर भेजने को भी कहा गया है। लगभग सभी जिलों में संशोधन हो रहा है। बोर्ड सचिव प्रभा त्रिपाठी ने बताया कि इसी के चलते केंद्र निर्धारण की तिथि बढ़ा कर 15 नवंबर कर दी गयी है(दैनिक जागरण,कानपुर,8.11.2010)।
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