साइंस अध्यापकों के स्पेशल भत्ते में वृद्धि करने सहित पांचवें वेतन कमिशन की तरफ से अध्यापक वर्ग के लिए संशोधित ग्रेड का नोटिफिकेशन तुरंत जारी किया जाए। यह मांग रविवार को साइंस टीचर्स एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक के दौरान प्रतिनिधियों ने उठाई।
इस मौके पर प्रेस सचिव जगतिंदर सिंह सोहल ने मांग की कि साइंस अध्यापकों के लंबे समय से शिक्षा विभाग द्वारा लगवाए जा रहे सेमिनारों को बंद करवा कर बच्चों से उनके शिक्षा छीनने की प्रवृत्ति बंद की जाए। शिक्षा विभाग पहले ही अध्यापकों की कमी से जूझ रहा है। हजारों की संख्या में अध्यापकों को ड्यूटियां और सेमिनार में भेजकर शिक्षा का भारी नुकसान किया जा रहा है। एसोसिएशन की तरफ से सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि साइंस अध्यापकों के अपने विषय से हटकर दूसरे विषय के नतीजे के लिए तरक्की बंद करने के हुक्म वापस नहीं लिए गए तो एसोसिएशन सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर होगी।
उधर,बेरोजगार ईटीटी यूनियन पंजाब व बेरोजगार ईटीटी यूनियन जम्मू के प्रतिनिधियों ने मांगों को लेकर सरकार को संघर्ष की चेतावनी दी है। यूनियन प्रधान जगतार सिंह झंबर ने बताया कि बेरोजगार ईटीटी उम्मीदवार पंजाब व बेरोजगार ईटीटी उम्मीदवार जम्मू पहले अलग-अलग होकर मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। जबकि सरकार दोनों यूनियनों के प्रतिनिधियों में मतभेद पैदा कर संघर्ष को गलत रूप दे रही थी। इसके चलते बीते माह दोनों यूनियन बेरोजगार ईटीटी फ्रंट के बैनर तले एक हो गई। उन्होंने बताया कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तब तक वे संघर्ष पर अड़े रहेंगे।
फ्रंट प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द ईटीटी के 12 हजार पदों के विज्ञापन जारी करे। इसके अलावा पंजाब के ईटीटी उम्मीदवारों को पहल दे या फिर 70:30 के समझौते को लागू करे नहीं तो उनका संघर्ष और तीखा किया जाएगा। इसके अलावा फ्रंट प्रतिनिधियों ने भर्ती टेस्ट का बहिष्कार किया है।
(दैनिक जागरण,जालंधर,8.11.2010)।
उधर,बेरोजगार ईटीटी यूनियन पंजाब व बेरोजगार ईटीटी यूनियन जम्मू के प्रतिनिधियों ने मांगों को लेकर सरकार को संघर्ष की चेतावनी दी है। यूनियन प्रधान जगतार सिंह झंबर ने बताया कि बेरोजगार ईटीटी उम्मीदवार पंजाब व बेरोजगार ईटीटी उम्मीदवार जम्मू पहले अलग-अलग होकर मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। जबकि सरकार दोनों यूनियनों के प्रतिनिधियों में मतभेद पैदा कर संघर्ष को गलत रूप दे रही थी। इसके चलते बीते माह दोनों यूनियन बेरोजगार ईटीटी फ्रंट के बैनर तले एक हो गई। उन्होंने बताया कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तब तक वे संघर्ष पर अड़े रहेंगे।
फ्रंट प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द ईटीटी के 12 हजार पदों के विज्ञापन जारी करे। इसके अलावा पंजाब के ईटीटी उम्मीदवारों को पहल दे या फिर 70:30 के समझौते को लागू करे नहीं तो उनका संघर्ष और तीखा किया जाएगा। इसके अलावा फ्रंट प्रतिनिधियों ने भर्ती टेस्ट का बहिष्कार किया है।
(दैनिक जागरण,जालंधर,8.11.2010)।
भत्ते बढाने को लेकर अध्यापक इतना संघर्ष करते हैं क्यों नही शिक्षा के गिरते स्तर के लिये भी इसी तरह के प्रयास नही करते?। आभार इस जानकारी के लिये।
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