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08 नवंबर 2010

दिल्लीःसर्कुलर के बाद भी लाभ से वंचित हैं सैकड़ों पुलिसकर्मी

दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक आरटीआई के जवाब ने करीब 250 पुलिसकर्मियों के चेहरे पर निराशा ला दी है। दरअसल सन 2001 में कैट ने निर्देश दिया था कि दिल्ली पुलिस के चालकों को भी रेलवे की तर्ज पर मानदेय का भुगतान किया जाए। लेकिन पुलिस मुख्यालय ने आदेश को अनसुना कर दिया। जब चालकों ने अपने मानदेय की मांग की, तो पुलिस मुख्यालय ने चुप्पी साध ली। जब इस बारे में पुलिस मुख्यालय से आरटीआई के माध्यम से जबाव मांगा गया, तो अधिकारियों ने रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने का हवाला दिया है। ऐसे में सैकड़ों की तादाद में पुलिसकर्मी लाभ से वंचित हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस में एएसआई के पद से सेवानिवृत ओमप्रकाश ने एक आरटीआई के माध्यम से पुलिस मुख्यालय से जबाव मांगा था कि वर्ष 2001 में कैट के आदेश के मुताबिक ग्रेड एक एएसआई चालक को रेलवे सुरक्षा बल के चालकों के बराबर वेतमान क्यों नहीं दिया गया। मुख्यालय ने आरटीआई के जबाव में बताया है कि पुलिस मुख्यालय में रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। इसलिए मांगी गई प्रमाणित प्रतियां नहीं दी जा सकती। हैरत की बात है कि पुलिस मुख्यालय को गृह मंत्रालय ने वर्ष 2001 में निर्देश दिया था कि सभी ग्रेड-1 एएसआई चालकों को बढ़ा हुआ वेतमान दिया जाए, लेकिन अब मुख्यालय अपना पल्ला झाड़ रहा है(दैनिक जागरण,दिल्ली,8.11.2010)।

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