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15 नवंबर 2010

पंजाब में 65 के ऊपर सभी को मिलेगी पेंशन!

पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल सब्सिडी को लेकर जिन योजनाओं पर सहमति नहीं दे रहे थे, उनके जाते ही गठबंधन सरकार ने एक-एक करके उन्हें लागू करने का मन बना लिया है।

गांवों और शहरों में वृद्धों, विकलांगों, विधवाओं और आश्रित बच्चों को मिलने वाली पेंशन के लिए सभी प्रकार की सीमाएं हटाने की योजना तैयार की गई है। सामाजिक सुरक्षा विभाग ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि 65 साल से ऊपर के सभी लोगों को पेंशन दी जानी चाहिए। इसके लिए आय और जाति की सीमा न रखी जाए। विभाग की ओर से जो प्रस्ताव तैयार किया गया है यदि उसे लागू कर दिया जाता है तो खजाने पर 155 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। अब तक 520 करोड़ रुपए सभी तरह की पेंशन आदि देने पर खर्च किए जा रहे हैं।

यह राशि बिजली पर लगाई गई 13 फीसदी डच्यूटी और रजिस्ट्री करवाने पर लगाए गए सरचार्ज से एकत्रित होने वाली राशि से अदा की जाती है। पंजाब में कुल 18.32 लाख लोगों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, लेकिन आए दिन वृद्धों की आयु, जाति और उनकी संपत्ति को लेकर किसी न किसी प्रकार के विवाद उठते रहते हैं।

हाल ही में विभाग की ओर से एक सर्वे करवाया गया, जिसमें पाया कि करीब 80 हजार की पेंशन गलत लगी हुई है, लेकिन कैबिनेट ने विभाग को इन पर कार्रवाई करने से रोक दिया। इसके पीछे भी नई योजना को लागू करने को कारण बताया जा रहा है।

प्रस्ताव पर कैबिनेट में होगी चर्चा
विभागीय सूत्रों ने बताया कि नई योजना का खाका प्रदेश सरकार को भेज दिया गया है। इस पर अब कैबिनेट में चर्चा होनी है। गांव में जिन लोगों ने अपनी जमीन आदि अपने बच्चों के नाम करवा दी है, उनके बच्चों ने उनकी हालत दयनीय बना रखी है। इस कारण इन वृद्धों को गुजारा के लायक राशि नहीं मिलती।

इस तरह की कई शिकायतें विभाग को मिली हैं। हालांकि अकाली भाजपा-सरकार ने अपने घोषणा पत्र में दावा किया था कि पेंशन की राशि को 250 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक इस पर अमल नहीं हुआ है। बताया जाता है कि राज्य की आर्थिक स्थिति इसमें बड़ी बाधा है(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,15.11.2010)।

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