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05 नवंबर 2010

सीबीएसई स्कूलों में अब खेल अनिवार्य

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) द्वारा संचालित विद्यालयों में खेलों को अब अनिवार्य कर दिया है। सीबीएसई के जारी निर्देशों के अनुसार विद्यालयों में कक्षा एक से दस तक प्रतिदिन 45 मिनट का एक पीरियड खेल का होना अनिवार्य है। कक्षा 11 व 12 में अलबत्ता कुछ छूट दी गई है। इन कक्षाओं में हर सप्ताह कम से कम दो दिन खेल के पीरियड रखने का निर्देश दिया गया है। इतना ही नहीं, सीबीएसई ने छात्रों व विद्यालय प्रबंधन को खेलों को प्रति गंभीर बनाने के लिए इसे सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली (सीसीई) के साथ भी जोड़ दिया है। इसमें खेलों में होने वाले प्रदर्शन के आधार पर कक्षा एक से दस तक के छात्रों का मूल्यांकन भी किया जाएगा। सीबीएसई से जुड़े विद्यालयों में अब तक खेल मार्गदर्शिका और खेलों के वार्षिक आयोजन तो होते थे, लेकिन शारीरिक शिक्षा व खेल के लिए नियमित कक्षाएं नहीं होती थीं। सीबीएसई ने अलबत्ता 2006 से 2009 के बीच जारी विभिन्न सरकुलर के माध्यम से विद्यालयों में हेल्थ क्लब खोलने का निर्देश दिया था। अब विद्यालयों में खेल की कक्षाओं को अनिवार्य कर दिया गया है। सीबीएसई के अध्यक्ष विनीत जोशी के 27 अक्टूबर को इस सम्बंध में जारी आदेश के अनुसार शारीरिक शिक्षा व खेल न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए अच्छा है बल्कि इससे पढ़ाई में भी बच्चों का प्रदर्शन (परफार्मेस) बेहतर होता है। खेल से बच्चों में हिंसात्मक प्रवृत्ति घटती है व सकारात्मकता बढ़ती है। इन सब फायदों को देखते हुए सीबीएसई ने अब एक से दस तक सभी कक्षाओं में रोज खेल के लिए 45 मिनट का कम से कम एक पीरियड अनिवार्य कर दिया है। जिन विद्यालयों में जगह की कमी है उन्हें इन्डोर गतिविधियां संचालित करने को कहा गया है। इसमें योग, ध्यान अरेबिक्स, आसन आदि शामिल हैं। साथ ही सुबह सामूहिक पीटी का आयोजन करने को भी कहा गया है। सीबीएसई ने खेल को सीसीई से भी जोड़ दिया है। कक्षा आठ तक के लिए खेल की 13 तथा कक्षा 9 व 10 के लिए आठ गतिविधियां चयनित की गई हैं। किन्हीं दो चुनी हुई गतिविधियों में छात्र के प्रदर्शन का सीसीई के तहत मूल्यांकन किया जाएगा। सीबीएसई ने खेल व शारीरिक शिक्षा कक्षा 11 व 12 में भी अनिवार्य किया है। इन कक्षाओं में 90 से 120 मिनट के सप्ताह में कम से कम दो कक्षाएं आयोजित कराने को कहा गया है(एल.एन.त्रिपाठी,दैनिक जागरण,इलाहाबाद,5.11.2010)।

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