एलएलबी प्रथम के छात्र अभिषेक गुप्ता के प्रकरण मंे रविवि गंभीर है। इस फर्जीवाड़े की जांच के लिए अब रविवि ने कमेटी बनाई है। कमेटी को एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया है। उधर रविवि प्रशासन मामले में किसी रैकट के होने की बात से भी इंकार नहीं कर रहा है। उसका कहना है कि चार पृष्ठ अलग से कापी में डालना किसी न किसी की मिलीभगत का परिणाम है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
फर्जीवाड़े की जांच की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ कॉलेज के प्राचार्य बी.सुब्रमण्यम, कार्यपरिषद सदस्य डॉ.अशोक लोहिया और रविवि के डि:टी रजिस्ट्रार विनोद एक्का को सौंपी गई है। इसने कहा गया है कि पूरे मामले की जांच कर एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपे ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके। इससे पहले पिछले दिनों बीएएलएलबी प्रथम सेमेस्टर के छात्र अभिषेक गुप्ता ने आरोप लगाया था कि इतिहास और दर्शनशास्त्र की उत्तरपुस्तिका मेंलिखे जाने के बाद भी यूनिट चार और पांच की जांच नहीं हो पाई।
उसमें कोई अंक नहीं दिया गया। इस वजह से वह कुछ अंक कम आने केकारण वह अनुत्तीर्ण रहा। पुनमरूल्यांकन में भी आवेदन किया तो वहां उस यूनिट की जांच नहीं की गई। इसकी शिकायत छात्र ने रविवि प्रशासन से की और उसकी मूल्यांकन प्रणाली पर सवाल खड़ा किया। इसके बाद रविवि ने इसकी जांच के लिए राइटिंग एक्सपर्ट की मदद ली। इसमें पाया गया कि मुख्य उत्तरपुस्तिका में संलग्न ४ पृष्ठों की लिपि अन्य पृष्ठों की लिपि से बिल्कुल भिन्न है।
चार पृष्ठों की लंबाई, लकीरें और स्याही भी मुख्य उत्तर पुस्तिका से अलग है। यानी उन्हें बाद में जोड़ा गया है। हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद मामले की जांच के लिए रविवि गंभीर हो गया है। विवि के अधिकारियों का कहना है कि छात्र की कापी में चार पृष्ठ अलग से जोड़े गए, इससे यह पता चलता है कि कुछ अन्य लोग भी इस मामले से जुड़े हुए हैं। हो सकता है कि इसमें किसी रैकट का हाथ हो। यह पता लगाया जा रहा है।
इनका कहना है : अभिषेक गुप्ता प्रकरण में कमेटी बना दी गई है। इसकी रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।-के.के चंद्राकर, कुलसचिव(दैनिक भास्कर,रायपुर,28.11.2010)
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