किसी उत्पाद या सेवा की सफलता को कोई और भुना न सके, इसके लिए उसे एक नाम दिया जाता है और फिर उसका पंजीकरण होता है, ताकि व्यावसायिक फायदे के लिए कोई और उसका इस्तेमाल न कर सके। यह सब इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) के तहत होता है। पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, डिजाइन, लाइसेंसिंग आदि के द्वारा उत्पादों और सेवाओं को सुरक्षित बनाया जाता है।
कैसे-कैसे कोर्स : विभिन्न संस्थानों द्वारा आईपीआर के कई कोर्स कराए जाते हैं। इसके तहत डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स हैं।
योग्यता : आवेदक के पास किसी मान्यताप्राप्त संस्थान से कम-से-कम बैचलर की डिग्री होनी चाहिए। कुछ संस्थानों में लॉ या साइंस बैकग्राउंड के छात्रों को प्रमुखता दी जाती है।
कहां मिलती है नौकरी : विभिन्न एफएमसीजी निर्माता कंपनियां, आईपीआर कोर्स कराने वाले शिक्षण संस्थान, लॉ फर्म्स, सॉफ्टवेयर कंपनियां, दवा निर्माता कंपनियां आदि में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स लॉ के जानकारों की मांग बनी रहती है।
प्रमुख संस्थान
-इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली कोर्स : पीजी डिप्लोमा इन आईपीआर लॉ (अवधि-1 वर्ष)
-राजीव गांधी स्कूल ऑफ आईपीएल, आईआईटी खड़गुपर
कोर्स : एलएलबी ऑनर्स डिग्री इन आईपीआर (अवधि-3 साल)
-बायोइन्फॉरमेटिक्स इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, नोएडा
कोर्स : इंडस्ट्री प्रोग्राम इन आईपीआर (अवधि -1 साल )
-नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
कोर्स : पीजी डिप्लोमा इन इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स लॉ (अवधि-1 साल)(अमर उजाला,23.11.2010)
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