प्रदेश के कृषि अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित कृषि विज्ञान संस्थान के तत्वावधान में प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी। अभी हाल में यहां आए प्रदेश सरकार के अपर कृषि निदेशक (परियोजनाएं) एके विश्नोई ने इस आशय का संकेत दिया है। उन्होंने संस्थान के निदेशक से कहा है कि किसानों एवं राज्य सरकार के कृषि अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए प्रोजेक्ट बनाएं। धन प्रदेश सरकार देगी। इस प्रस्ताव के आलोक में संस्थान के लोगों ने केंद्र के संबंध में खाका खींचना शुरू कर दिया है।
संस्थान के निदेशक प्रो. शिवराज सिंह कहते हैं कि कृषि जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि कृषि अधिकारियों को भी प्रशिक्षित किया जाए। इससे उनकी योग्यता का संवर्धन होगा जिसका लाभ अंतत: किसानों को मिलेगा। आज हालत यह है कि किसानों की उत्पादन की लागत तक नहीं निकल रही है। कारण कि अधिकांश किसान आज भी परंपरागत खेती से जुड़े हैं। उनकी इस वृत्ति में परिवर्तन के लिए किसान, अधिकारी या कृषि से जुड़े सभी लोगों के लिए व्यापक प्रशिक्षण जरूरी है। इसका सीधा असर फसलों की उत्पादकता, गुणवत्ता पर तो पड़ेगा ही, किसानों की स्थिति भी सुधरेगी। प्रो. सिंह बताते हैं कि इस केंद्र में अधिकारियों को बीज उत्पादन, मृदा की गुणवत्ता सुधार, उर्वरक प्रबंधन, पशु प्रबंधन आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे कि वे किसानों को जागरूक बनाने में सफल होंगे। प्रो. सिंह ने बताया कि अगले कुछ दिनों में इस केंद्र की स्थापना के संबंध में पूरा खाका तैयार कर प्रदेश सरकार को भेज दिया जाएगा। स्वीकृति मिलते ही केंद्र स्थापना की कवायद शुरू हो जाएगी। इसी क्रम में कृषि विशेषज्ञ प्रो. एचबी सिंह ने कहा कि विभिन्न जिलों कृषि फार्म हैं। यहां के अधिकारी व कर्मचारी आसपास के किसानों को प्रशिक्षित कर सकें, इसके लिए जरूरी है कि वे स्वयं कृषि की अद्यतन तकनीकी से अवगत हों। इस प्रशिक्षण केंद्र में अधिकारियों को खेती से संबंधित हर तरह की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी(दैनिक जागरण,वाराणसी,18.11.2010)।
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