राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में निदेशक पद की नियुक्ति के लिए गुरुवार को विकास आयुक्त के कार्यालय कक्ष में साक्षात्कार हुआ। साक्षात्कार के लिए विभागीय स्तर पर छह चिकित्सकों का चयन किया गया था। इस पद के लिए 27 चिकित्सकों ने विभाग को आवेदन सौंपे थे। 21 अभ्यर्थियों को अर्हता पूरी नहीं करने के नाम छांट दिया गया। कुछ को अधिक उम्र तो कुछ को अनुभव कम होने के कारण छांटा गया। निदेशक पद की रेस से बाहर होनेवाले में पूर्व निदेशक डा. एनएन अग्रवाल भी हैं। उन्हें अधिक उम्र होने के आधार पर छांटा गया। उनकी उम्र निर्धारित तिथि को 59 वर्ष 5 माह हो रही है, जबकि विज्ञापन में आयु सीमा अधिकतम 57 वर्ष निर्धारित की गई थी। दूसरी तरफ, एमजीएम, जमशेदपुर में 2008 में अधीक्षक रहते अपने सरकारी कक्ष में शराब पीते धरे गए डा. आरवाई चौधरी को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया गया है। एक खबरिया चैनल की रिपोर्ट पर तत्कालीन मंत्री ने उन्हें वापस मुख्यालय बुला लिया था, हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चीट दे दी गई थी। इधर, 21 चिकित्सकों के छांटे जाने को लेकर सचिवालय में ही चर्चाओं का बाजार गर्म है। बताया जाता है कि स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू के निर्देश पर चिकित्सकों की स्क्रूटनी की गई है। विकास आयुक्त की अध्यक्षता में साक्षात्कार हेतु गठित कमेटी का इसमें कोई योगदान नहीं है(दैनिकजागरण,रांची,18.11.2010)।
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