बीएड की तीसरी काउंसिलिंग के चार दिन बीत चुके हैं। एक ओर जहां कला और वाणिज्य वर्ग की सभी सीटें भर चुकी हैं वहीं विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थी खोजे नहीं मिल रहे हैं। इस वर्ग की तकरीबन तीन हजार सीटें अब भी खाली हैं। विज्ञान वर्ग की सीटें खाली रहना बताता है कि अभ्यर्थियों ने आवेदन में रुचि नहीं दिखाई। विज्ञान वर्ग से बीएड करने वालों का टोटा बना रहा तो भविष्य में शिक्षक खोजे नहीं मिलेंगे। बीएड की तकरीबन 3500 सीटें भरने के लिए तीसरी और आखिरी चरण की काउंसिलिंग 13 नवंबर से शुरू हुई थी। काउंसिलिंग में 2,30,000 रैंक तक के उन अभ्यर्थियों को मौका दिया गया है जिनको अभी तक सीट आवंटित नहीं हुई है। वहीं 2,30,000 रैंक से 2,50,000 रैंक तक के सभी अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। अब तक 2,10,000 रैंक तक के अभ्यर्थी काउंसिलिंग में शामिल हो चुके हैं। कला और वाणिज्य वर्ग की सभी सीटें भर चुकी हैं केवल कुछ श्रेणी की ही सीटें खाली हैं। वहीं विज्ञान और कृषि वर्ग की तीन हजार सीटें अब भी खाली हैं। ये सीटें स्ववित्तपोषी कॉलेजों में उपलब्ध हैं। बीएड की खाली सीटें भरने के लिए सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी कर चुका है। तीसरी काउंसिलिंग में सीटें खाली रहती हैं तो इन पर प्रवेश का अधिकार बीएड कॉलेजों को दे दिया जाएगा। मौजूदा स्थिति में कला और वाणिज्य की सीटें फुल हैं लेकिन विज्ञान और कृषि वर्ग की सीटें खाली रहने पर बीएड कॉलेजों को मौका मिल सकता है(दैनिक जागरण,लखनऊ,17.11.2010)।
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