प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर के लिए बिलासपुर में ली गई पदोन्नति परीक्षा यथावत रहेगी और जल्द ही पदस्थापना भी कर जाएगी। शासन ने संविदा और शिक्षा गारंटी की सेवा अवधि का लाभ देने की मांग करने वालों को हाईकोर्ट के फैसले के अनुरूप पदोन्नति देने का फैसला लिया है।
शिक्षाकर्मियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रदेशभर में पदोन्नति परीक्षा आयोजित की जा रही है। बिलासपुर जिले में यह परीक्षा 29 अक्टूबर को हो चुकी है और 8 नवंबर को चयन सूची भी जारी कर दी गई थी।
आंशिक संशोधन के बाद फाइनल सूची एक-दो दिनों में जारी कर दी जाएगी। दूसरी ओर संविदा और शिक्षा गारंटी गुरुजी के पद पर काम कर चुके शिक्षाकर्मी उस अवधि को भी शिक्षाकर्मी के रूप में मानने की मांग कर रहे हैं।
इसके लिए धमतरी सहित कई जिले के संविदा और शिक्षा गारंटी कर्मियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। प्रक्रिया में अड़चन न आए, इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने नई नीति बनाई है। इसके मुताबिक संविदा और शिक्षा गारंटी गुरुजी के रूप में कार्य कर चुके कर्मियों को पदोन्नति परीक्षा में सशर्त शामिल किया जाएगा।
इस आदेश के बाद जिले में यह खबर फैल गई कि बिलासपुर, रायगढ़, बलौदा बाजार सहित तीन जिलों में हो चुकी परीक्षा रद्द होगी। इस बारे में लोक शिक्षण संचालक केआर पिस्दा ने दैनिक भास्कर बताया कि यह नियम उन जिलों में लागू होगा, जहां परीक्षा आयोजित नहीं की गई है। संविदा और शिक्षा गारंटी में काम कर चुके शिक्षाकर्मियों को पदोन्नति परीक्षा में सशर्त शामिल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिन जिलों में परीक्षा हो चुकी है, वहां प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ऐसे जिलों के संविदा और शिक्षा गारंटी के गुरुजी को लाभ नहीं मिलने के सवाल पर श्री पिस्दा ने कहा कि पदोन्नति परीक्षा सतत् चलने वाली प्रक्रिया है।
शिक्षाकर्मियों को आगे भी हेडमास्टर के पद पर पदस्थ किया जाएगा। परीक्षा आयोजित कर चुके जिले के ऐसे शिक्षाकर्मियों को हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक लाभ दिया जाएगा(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,20.11.2010)।
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