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27 नवंबर 2010

गोरखपुरःपालीटेक्निक कालेज में रैगिंग या वर्चस्व की जंग?

राजकीय पालीटेक्निक कालेज में रैगिंग का सनसनीखेज मामले की कहानी घटना के दूसरे दिन नया मोड़ लेने लगी है। कालेज प्रशासन ही नहीं छात्रों का एक बड़ा वर्ग भी इसे रैगिंग नहीं दो गुटों के बीच लम्बे समय से चल रही वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम मान रहा है। रैगिंग का मामला सामने आने के बाद सक्रिय हुआ पुलिस का एलआईयू विभाग भी कमोबेश इसी नतीजे पर पहुंचा है। उधर कालेज के प्रधानाचार्य डीएम सिंह ने कहा कि अभी तक उनसे किसी छात्र ने लिखित रूप से रैगिंग की शिकायत की ही नहीं है।


यहां बता दें कि राजकीय पालीटेक्निक कालेज के कुछ छात्रों ने तृतीय वर्ष के छात्रों पर शुक्रवार को रैगिंग करने का आरोप लगाया। रात में जिला अस्पताल में इलाज कराने आये प्रथम और द्वितीय वर्ष के इन छात्रों ने बताया कि वे अपने मित्र की बर्थ डे पार्टी कर रहे थे। इसकी जानकारी होने पर तृतीय वर्ष के छात्र पार्टी में न बुलाने पर भला-बुरा कहने लगे। इसका विरोध करने पर सीनियर छात्रों ने उन्हें मारना-पीटना शुरू कर दिया। घायलों का आरोप था कि सीनियर छात्र शुरू से ही उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। उधर जिन सीनियर छात्र रैगिंग के आरोप को सिरे से खारिज कर रहे थे। उनका कहना था कि प्रथम वर्ष के छात्रों की रैगिंग की बात तो मानी जा सकती है लेकिन यह आरोप लगाने वालों में अधिकतर द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। उनके साथ भला कैसे हो सकती है। उल्टे उनका आरोप था कि द्वितीय वर्ष के छात्रों ने उन्हें मारापीटा है। बाद में शाहपुर के थानेदार ने बताया कि दोनों पक्षों में मारपीट हुई है, जिसमें दोनों तरफ से पांच लोग घायल हैं। उनकी तहरीर पर एनसीआर दर्ज किया गया है।दूसरे दिन कालेज के अन्य छात्रों से जब घटना की हकीकत जानने की कोशिश की गयी तो दूसरे ही तथ्य सामने आये। प्रथम वर्ष के कई छात्र भी इस घटना को वर्चस्व की लड़ाई करार दे रहे थे। छात्रों और कालेज के जिम्मेदार लोगों के मुताबिक छात्रों का दोनों गुट पहले भी आपस में लड़ाई-झगड़ा करता रहा है। कालेज प्रशासन को इसकी शिकायतें भी मिलती रहती थीं। कई बार कालेज प्रशासन ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करता रहा है। रैगिंग की घटना प्रकाश में आने के बाद पुलिस का अभिसूचना तंत्र (एलआईयू) इस दिशा में जानकारी जुटाने के लिये सक्रिय हो गया। सूत्र बताते हैं कि एलआईयू की जांच में मामला वर्चस्व के लिये मारपीट का ही सामने आया है।

उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी एक छात्र सीनियर छात्रों पर रैगिंग करने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच के लिये तीन सदस्यीय जांच समिति भी गठित की गयी है। ताजा मामले के संबंध में कालेज के प्रचार्य डीएम सिंह से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि रैगिंग का तो सवाल ही नहीं उठता। यदि रैगिंग हुई भी है तो किसी भी छात्र ने उनसे शिकायत नहीं की है। किसी के शिकायत करने पर जांच में यदि मामला पुष्ट होता है कड़ी कार्रवाई की जायेगी(दैनिक जागरण संवाददाता,गोरखपुर,27.11.2010)

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