हिमाचल प्रदेश में कम छात्र संख्या वाले स्कूल युक्तिकरण के तहत बंद किए जा सकते हैं। हाल ही में सरकार ने फैसला लिया है कि माध्यमिक पाठशाला से उच्च पाठशाला में उसी संस्थान को स्तरोन्नत किया जाएगा, जिसमें छात्र संख्या कम से कम पच्चीस हो। इसके अलावा उच्च पाठशाला से वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में भी वही संस्थान स्तरोन्नत होगा, जहां दसवीं कक्षा में कम से कम चालीस छात्र होंगे। हालांकि सरकार ने अभी संस्थानों को स्तरोन्नत करने के लिए ही ये शर्ते तय की हैं, लेकिन माना जा रहा है कि उन स्कूलों को बंद किया जा सकता है, जहां छात्र संख्या बहुत कम है और समीप ही अन्य स्कूल भी मौजूद हैं। कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का ऐसे नजदीकी स्कूल में विलय कर दिया जाएगा, जहां छात्र संख्या पहले से अधिक होगी। इसका मकसद शिक्षा में गुणवत्ता लाना है।प्रदेश में इस समय 2345 माध्यमिक स्कूल हैं। हाई स्कूलों की संख्या 828 व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों की संख्या 1235 है। शहरों व कस्बों में तो छात्र संख्या अच्छी है, लेकिन दूरस्थ इलाकों में कई स्कूल ऐसे हैं जहां छात्र संख्या बेहद कम है। राजनीतिक लाभ के लिए बहुधा बहुत कम दूरी पर एक से अधिक स्कूल खोले गए। इसका नुकसान ये हुआ कि स्कूलों की संख्या तो बढ़ी, लेकिन बच्चों की संख्या कम होती गई। शिक्षा विभाग को आधारभूत ढांचे व शिक्षकों की तैनाती को लेकर अतिरिक्त प्रयास करने पड़े। छात्रों के कम होने से शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई।
शिक्षा मंत्री आईडी धीमान का कहना है कि भाजपा सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है। ऐसे स्कूलों की पहचान की जा रही है, जहां छात्र संख्या बेहद कम है और तीन अथवा पांच किलोमीटर की दूरी पर स्कूल भी एक से अधिक हैं। कम संख्या वाले स्कूलों का नजदीकी उस स्कूल में विलय कर दिया जाएगा, जहां छात्र संख्या अधिक होगी। उन्होंने कहा कि प्रयास किया जाएगा कि वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में विज्ञान संकाय के भी पर्याप्त छात्र हों, ताकि सभी विषयों के अध्यापक तैनात किए जा सकें। यदि विज्ञान विषय के छात्र नहीं होंगे तो कम दूरी में एक से अधिक स्कूल खोलने का कोई लाभ नहीं है। छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना तभी आ सकती है, जब उन्हें एक-दूसरे से चुनौती मिले। यदि एक कक्षा में चार ही बच्चे होंगे तो शिक्षा का भला नहीं हो सकता।
गौर रहे कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में माध्यमिक एवं उच्च पाठशालाओं को स्तरोन्नत करने के संबंध में नए मापदंड तय किए हैं। माध्यमिक पाठशाला को उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने के लिए माध्यमिक पाठशाला में कम से कम 25 विद्यार्थी होने आवश्यक हैं। इसके अलावा समीप की उच्च पाठशाला से इसकी पैदल दूरी कम से कम 3 किलोमीटर होनी चाहिए। उच्च पाठशाला से वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में करने के लिए उच्च पाठशाला में 10वीं स्तर पर कम से कम 40 विद्यार्थियों का पंजीकरण आवश्यक है। साथ ही समीप की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला से 5 किलोमीटर की न्यूनतम दूरी होनी चाहिए(दैनिक जागरण,शिमला,28.11.2010)
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