राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से जारी आरएएस प्री परिणाम में ओबीसी व एसबीसी के अभ्यर्थी भारी पड़े हैं। इन वर्गो के अभ्यर्थियों की ओर से ज्यादा अंक हासिल कर लेने से कट ऑफ सामान्य से ऊपर जा रही थी। आयोग के नियमों के अनुसार तीनों श्रेणियों की कट ऑफ को बराबर कर समस्या का हल निकाला गया। इस कवायद में 1185 अतिरिक्त अभ्यर्थी परिणाम में शामिल हो गए।
सूत्रों के अनुसार प्री परीक्षा में ओबीसी व एसबीसी के अभ्यर्थियों ने भी अच्छे अंक हासिल किए। कम पदों के कारण इन वर्गो की कट ऑफ सामान्य श्रेणी से अधिक रही। नियमों के अनुसार आरक्षित वर्गो की कट ऑफ सामान्य से अधिक नहीं रह सकती। आयोग ने नियमों की पालना के तहत सामान्य, ओबीसी सामान्य व एसबीसी सामान्य की कट ऑफ बराबर कर हल निकाला। आयोग के समक्ष पिछली परीक्षाओं में भी ऎसे हालात बन चुके हैं। पदों के अनुसार आयोग को 821 के 15 गुणा यानि 12315 अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण घोषित करना था। कट ऑफ बढ़ने से 1185 अतिरिक्त अभ्यर्थियों को शामिल करते हुए 13500 अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण घोषित किया गया।
विकलांग आरक्षित अंतिम परिणाम में
लोक सेवा आयोग ने प्री परीक्षा में विकलांग श्रेणियों का अलग से परिणाम घोषित नहीं किया है। आयोग का कहना है कि इस श्रेणी का आरक्षण फाइनल रिजल्ट में शामिल किया जाएगा।
उधर,राजस्थान लोक सेवा आयोग ने आरएएस एवं अधीनस्थ भर्ती 2010 की प्री परीक्षा में पास या फेल हुए अभ्यर्थियों के प्राप्तांक बताने से इनकार कर दिया है। आयोग का कहना है कि संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर यहां भी अंक सार्वजनिक नहीं होंगे। आयोग ने उच्च स्तर पर निर्णय किया है।
लोक सेवा आयोग कार्यालय पर मंगलवार सुबह से ही अभ्यर्थियों की भीड़ जमा रही। प्री परीक्षा में सफल व असफल अभ्यर्थियों ने अधिकारियों से अंक बताने का आग्रह किया लेकिन आयोग ने साफ इनकार कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि फुल कमीशन ने अंक नहीं बताने का निर्णय किया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर यह निर्णय किया गया है।
फिर कट ऑफ लिस्ट क्यों?
अभ्यर्थियों ने लोक सेवा आयोग के फैसले पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जब अंक ही नहीं बताने थे तो कट ऑफ लिस्ट क्यों जारी की गई। अब यह कैसे पता लगेगा कि उनके कितने नम्बर हैं।
सिर्फ रोल नम्बर इंटरनेट पर
लोक सेवा आयोग ने सिर्फ प्री परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों के रोल नम्बर इंटरनेट पर डाले हैं। अभ्यर्थी दिन भर प्राप्तांक जानने के लिए आयोग की वेबसाइट पर सर्च करते रहे। लेकिन उनके हाथ निराशा लगी(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,17.11.2010)।
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