मधुबनी नगर स्थित अंगीभूत कालेजों में शिक्षकों की कमी रहने से उच्च शिक्षा की स्थिति दिनानुदिन पतन की ओर अग्रसर है। सबसे ज्यादा विषम परिस्थिति नगर के जगदीश नंदन महाविद्यालय एवं रामकृष्ण महाविद्यालय में देखी जा रही है। यहां शिक्षकों के स्वीकृत तकरीबन 300 पदों में से आधे से अधिक पद रिक्त हैं। कई विभाग ऐसे भी हैं जिसमें शिक्षकों के सभी पद रिक्त हैं। साथ ही अधिकांश सामाजिक विज्ञान एवं भाषा विभाग में तो एक-दो शिक्षकों के भरोसे ही पठन-पाठन का कार्य संचालित हो रहा है। जिले के सर्वाधिक प्रतिष्ठित इन दोनों महाविद्यालयों में जिले के मेधावी छात्र अपना नामांकन करा भविष्य संवारने के सपने देखा करते हैं। लेकिन इन महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त रहने से यह सपना आकार नहीं ले रहा है। कालेजों में शैक्षणिक माहौल सुधरने की बाबत पूछने पर अंग्रेजी के प्राध्यापक प्रो. देवनारायण मिश्र कहते हैं कि शिक्षकों की उपस्थिति, छात्रों की 75 प्रतिशत हाजरी पर गहरी नजर रखने वाला विश्वविद्यालय प्रशासन एवं उच्च शिक्षा निदेशालय रिक्त पड़े शिक्षकों के पद पर व्याख्याताओं की नियुक्ति कर ले तो उच्च शिक्षा में जारी बदहाली अपने आप दूर हो जाएगी। कुछ इसी तरह की बात कहते हुए डॉ दमन कुमार झा कहते हैं कि जबतक व्याख्याताओं के रिक्त पद भरे नहीं जाएंगे तबतक उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार की बात सोचना बेमानी है। जेएन कालेज के प्रिसिपल डॉ. सीबी सिंह कहते हैं कि रिक्तियों के में विश्व विद्यालय प्रशासन को कई बार लिखा जा चुका है। वहीं से पहल होने पर ही समस्या का समाधान हो सकता है(दैनिकजागरण,पटना,19.11.2010)।
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