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18 नवंबर 2010

कुरुक्षेत्रःकर्मचारियों ने फूंका एनआईटी चेयरमैन का पुतला

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की गवर्निग बॉडी के चेयरमैन प्रो. जेके पालित के विरोध के मामले में निट के दोनों गैर शिक्षक कर्मचारी संगठन आमने-सामने आ गए हैं। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कर्मचारी संघ ने दूसरे दिन भी चेयरमैन का विरोध किया और निट कार्यालय के सामने उनका पुतला फूंका। उनके खिलाफ नारेबाजी भी की। उन्होंने चेयरमैन के रवैये को कर्मचारी विरोधी बताया और अपना विरोध जारी रखने का एलान किया।
दूसरी ओर गैर शिक्षक कर्मचारी क्रांतीय संगठन ने चेयरमैन को कर्मचारियों का हितैषी बताया। इसके लिए उन्होंने निट के अतिथि गृह पहुंच उनको स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कर्मचारी संघ ने बुधवार को निट परिसर में चेयरमैन को काले झडे दिखाए थे। संघ के प्रधान तुलसी दास बत्रा और महासचिव शिव राज चहल ने कहा कि चेयरमैन ने कर्मचारियों ने धोखा किया है। उन्होंने बताया कि 6 मई को पुलिस अधिकारियों के सामने उन्होंने संघ के साथ समझौता किया था। उस समझौते में यही तय हुआ था कि वह आगामी बीओजी की बैठक में कर्मचारियों की इन मांगों को उठाएंगे और पूरा कराएंगे, लेकिन छह माह बीत जाने पर भी उन मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी इस कार्यप्रणाली से कर्मचारियों में रोष है और वह उनका हर स्तर पर विरोध करेंगे। इसी बात को लेकर उन्होंने दूसरे दिन चेयरमैन का पुतला फूंका और उसके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर राजीव सैनी, रविंद्र, अजय कुमार, मोहिंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।
गैर शिक्षक कर्मचारी क्रांतीय संगठन के सचिव देवेंद्र गौड़ ने चेयरमैन प्रो. जेके पालित को कर्मचारियों के हित में बताया है। उन्होंने निट कर्मचारी संघ के आरोपों की सफाई में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मांगें पूरी न होने के लिए पूर्व निदेशक को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संघ के सदस्यों को कानूनों की जानकारी नहीं है। उनकी जो भी मांगें पूरी नहीं हो रही हैं, उनकी केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अनुमति नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व निदेशक ने कर्मचारियों के हितों की मांगों पर सदा लापरवाही बरती थी। उन्होंने कहा कि चेयरमैन ने नई भर्ती के आदेश छह माह पहले ही कर दिए थे, उनके पूरा न होने के पिछे पूर्व निदेशक और पुराना कर्मचारी संघ जिम्मेदार है(दैनिक जागरण संवाददाता,कुरुक्षेत्र,18.11.2010)।

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